Institutional Investor Sector: भारत के संस्थागत निवेशक क्षेत्र में महज दो साल में कर्मचारियों की संख्या में हुई 69% की वृद्धि दर्ज की गई है। सीआईईएल एचआर सर्विसेज की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक दशक में भारत का बाजार पूंजीकरण बढ़ा है। यह 1.2 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 5.2 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। इसमें संस्थागत निवेशक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
CIEL HR सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, संस्थागत निवेशक क्षेत्र ने कार्यबल विविधता पर काम किया है। यहां कुल कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी 27 प्रतिशत हो गई है। हालांकि, नेतृत्व की भूमिकाओं में उनका प्रतिनिधित्व अभी भी एक चुनौती बना हुआ है, क्योंकि वरिष्ठ पदों पर महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 14 प्रतिशत है।
टैलेंट मोबिलिटी पर जोर
टैलेंट मोबिलिटी को लेकर यह बात सामने आई है कि फंड मैनेजर, पोर्टफोलियो मैनेजर और वरिष्ठ विश्लेषकों सहित केवल 17 प्रतिशत पेशेवरों को उनके संगठनों के भीतर से पदोन्नत किया जाता है, जबकि 83 प्रतिशत को बाहर से नियुक्त किया जाता है। इससे क्षेत्र की कंपनियों के लिए इंटरनल करियर प्रोग्रेशन के संबंध में अपने कार्य-व्यवहार में नवीनता लाने और कौशल को निखारने के लिए अपने कार्य-वातावरण को बेहतर बनाने का अवसर मिलता है।
क्रांतिकारी बदलाव
सीआईईएल HR के कार्यकारी निदेशक और अध्यक्ष के पंडियाराजन का कहना है कि 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत की ट्रेजेक्टरी इसके बढ़ते बाजार आकार और इसके वित्तीय परिदृश्य में हो रहे तेज बदलाव का एक उदाहरण है। अगले पांच वर्षों में 6.1% की अपेक्षित वृद्धि दर और 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की स्थिति के साथ भारत का संस्थागत निवेशक क्षेत्र विकास में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जिसमें पहले से स्थापित और नई दोनों ही कंपनियां निवेश रणनीतियों और वित्तीय उत्पादों में नवाचार को बढ़ावा दे रही हैं। यह गतिशील विकास संस्थागत निवेशकों के लिए भारत और वैश्विक स्तर पर उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।
80 कंपनियां हुईं शामिल
इस अध्ययन में संस्थागत निवेशक क्षेत्र की 80 कंपनियों के 16,000 से अधिक अधिकारी शामिल रहे। यह लैंगिक विविधता, कार्यकाल, और करियर प्रगति जैसे प्रमुख क्षेत्रों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। सीआईईएल एचआर के एमडी और सीईओ आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि यह क्षेत्र देश में बेहतरीन प्रतिभाओं को रोजगार देता है। हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में इन भूमिकाओं की मांग बढ़ेगी, जिससे मांग-आपूर्ति का अंतर और बढ़ेगा। हम उम्मीद करते हैं कि वैश्विक बाजारों से कुशल पेशेवर भारत लौटेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, संस्थागत निवेशक क्षेत्र में लगभग 25 प्रतिशत कार्यबल ने पिछले साल नौकरी बदली है, जो उद्योग की गतिशील और प्रतिस्पर्धी प्रकृति पर जोर देता है। इस क्षेत्र में औसत कार्यकाल तीन वर्ष है, जो प्रतिभा के लिए उच्च गतिशीलता और प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है।