भारत का विदेशी मुद्रा भंडार एक बार फिर मजबूती की ओर बढ़ रहा है जो देश की आर्थिक स्थिरता और वैश्विक वित्तीय स्थिति के लिए एक अच्छी खबर है। हाल के महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में उतार-चढ़ाव के बाद अब यह लगातार तीसरे सप्ताह बढ़कर 658.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। यह केवल आंकड़ों की बात नहीं है बल्कि यह भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और वैश्विक वित्तीय बाजार में उसकी पकड़ को दर्शाता है। मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार न केवल रुपये को गिरने से बचाता है बल्कि देश की आर्थिक सुरक्षा को भी सुनिश्चित करता है, जिससे हर भारतीय को गर्व महसूस होता है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार तीसरे सप्ताह बढ़ते हुए 658.8 अरब डॉलर के नए स्तर पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 21 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह में यह भंडार 4.529 अरब डॉलर बढ़ा। इससे पहले 7 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में तीन साल की सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त देखी गई थी। हालांकि इससे पहले चार महीनों तक लगातार गिरावट के बाद भंडार 11 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद उतार-चढ़ाव का दौर चला जहां कुछ हफ्तों में भंडार बढ़ा तो कुछ हफ्तों में गिरावट आई। सितंबर 2023 में विदेशी मुद्रा भंडार 704.89 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंचा था लेकिन अब यह अपने शिखर से लगभग 6.5% कम है।
रुपये की स्थिरता बनाए रखने के लिए RBI का दखल
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रुपये को ज्यादा गिरने से बचाने के लिए बाजार में दखल दिया था जिससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई। फिलहाल भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर के करीब बना हुआ है। RBI के अनुसार, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा (Foreign Currency Assets – FCA) का होता है जो अभी 558.856 अरब डॉलर है। इसके अलावा भारत के पास बड़ी मात्रा में सोना भी है जो विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम हिस्सा है।
सोने के भंडार में भी बढ़ोतरी, 77.275 अरब डॉलर पर पहुंचा
RBI के आंकड़ों के मुताबिक, भारत का स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) इस समय 77.275 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार भारत के लगभग 10 से 11 महीनों के संभावित आयात खर्च को कवर करने के लिए पर्याप्त है। 2023 में भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 58 अरब डॉलर जोड़े जबकि 2022 में इसमें कुल 71 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी। वहीं 2024 में अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में 20 अरब डॉलर से अधिक की वृद्धि हो चुकी है।
विदेशी मुद्रा भंडार और RBI की रणनीति
विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की ताकत को दिखाने वाला एक बड़ा संकेत होता है। यह भंडार ज्यादातर अमेरिकी डॉलर में रखा जाता है, लेकिन इसमें थोड़ा हिस्सा यूरो, जापानी येन और ब्रिटिश पाउंड में भी होता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये की कीमत को स्थिर रखने के लिए बाजार में दखल देता है। जब रुपये की कीमत ज्यादा होती है तो RBI डॉलर खरीदता है और जब रुपये कमजोर होता है तो वह डॉलर बेचता है ताकि इसकी ज्यादा गिरावट न हो। इससे भारत की मुद्रा स्थिर रहती है और विदेशी निवेशक भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित होते हैं।