New ITR Filing Portal: आयकर विभाग ने इनकम टैक्स फाइलिंग पोर्टल में कुछ जरूरी बदलाव करने की योजना बनाई है। एक आंतरिक जानकारी सामने आई है कि एक नया ITR ई-फाइलिंग पोर्टल IEC 3.0 जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। ITR फाइलिंग का नया प्रोजेक्ट IEC 2.0 की सुविधाओं को बेहतर करने के साथ-साथ एक आसान और यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए तैयार किया जाएगा।
ET की रिपोर्ट में बताया गया कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 8 अक्टूबर, 2024 एक आंतरिक रिपोर्ट में बताया कि मौजूदा ई-फाइलिंग और सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (IEC) 2.0 अपने आखिरी स्तर पर आ गया है। इसके साथ ही एक नए प्रोजेक्ट के तौर पर IEC 3.0 को लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो IEC 2.0 की जगह लेगा। आइये इसके बारे में जानते हैं।
क्या है IEC प्रोजेक्ट?
IEC 3.0 के बारे में समझने से पहले आपको यह समझना होगा कि आप IEC प्रोजेक्ट क्या है। IEC प्रोजेक्ट टैक्सपेयर्स को ई-फाइलिंग प्लेटफॉर्म देता है जो उन्हें इलेक्ट्रॉनिकली अपने आईटीआर को फाइल करने, फॉर्म जमा करने और टेक्स से जुड़ी अन्य सेवाओं को एक्सेस करने देता है।
IEC प्रोजेक्ट में सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर एक जरूरी कॉम्पोनेंट है, जो ITR को सबमिट करने के लिए जिम्मेदार होता है, जिसमें यह ई-फाइलिंग पोर्टल और ITBA की मदद लेता है। इसके अलावा IEC पर आपको बैक-ऑफिस (BO) पोर्टल भी मिलता है, जिसका उपयोग इसकी मदद से फील्ड ऑफिसर टैक्सपेयर फाइलिंग और प्रोसेसिंग डेटा को एक्सेस कर सकते हैं।
बता दें कि आयकर विभाग प्रोजेक्ट IEC 3.0 लॉन्च करने के लिए तैयार है, जो ITR की प्रोसेसिंग में जरूरी सुधार लाने का वादा करता है। नई प्रणाली से ITR की प्रोसेसिंग में तेजी लाने के लिए नए इंफॉर्मेशन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाना है, जिससे टैक्सपेयर को जल्दी रिफंड मिल सकता है। इसके अलावा ये IEC 2.0 की कमी और शिकायतों में कमी ला सकता है।
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IEC 2.0 से कैसे अलग होगा IEC 3.0
सबसे पहला सवाल जो हमारे दिमाग में आता है वह ये है कि नया पोर्टल पुराने से कैसे बेहतर होगा? यहां हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं। जानकारी मिली है कि नया प्रोजेक्ट IEC 3.0 में आपको न केवल प्रोजेक्ट IEC 2.0 की सारी सुविधाएंं मिलेगी, बल्कि इसमें एक बेहतर सिस्टम को भी लागू किया जा सकता है।
इस नए सिस्टम से टैक्सपेयर्स को एक सेफ और यूजर फ्रेंडली सिस्टम मिलेगा। टैक्स डिपार्टमेंट के इंटरनल सरकुलर में बताया गया कि यह बदलाव ई-फाइलिंग अनुभव को बेहतर बनाने और टैक्सपेयर्स के लिए प्रोसेस को अधिक आसान और व्यवस्थित बनाने का प्रयास होगा।