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Income Tax Bill 2025: नए बिल से कैसे बदल जाएगा टैक्स सिस्टम, टैक्सपेयर्स पर क्या होगा असर?

Tax Act 2025: वित्त मंत्री ने बजट के दौरान नए इनकम टैक्स बिल की घोषणा की थी, जिसे इस सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है। हाल ही में इस बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिली है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 12, 2025 09:45
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New Income Tax Bill: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस सप्ताह संसद में नया आयकर विधेयक पेश करने वाली हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल से 7 फरवरी को नए इनकम टैक्स बिल 2025 को मंजूरी मिल गई थी। संसद में पेश होने के बाद विधेयक को विस्तृत समीक्षा के लिए स्थायी समिति के पास भेजे जाने की संभावना है। यह विधेयक आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा, जो छह दशकों से अधिक समय से प्रभावी है।

क्या है उद्देश्य?

नया आयकर विधेयक मौजूदा कर कानूनों की जटिलता को दूर करता है। इसका उद्देश्य टैक्स सिस्टम को सरल और आधुनिक बनाना है। इनकम टैक्स बिल 2025 में कानूनी भाषा को सरल किया गया है, ताकि टैक्सपेयर्स प्रावधानों को आसानी से समझ सकें और उन्हें किसी तरह की परेशानी न आए। वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट के दौरान नया बिल पेश करने की घोषणा की थी। वित्त सचिव तुहिन कांता पांडे का कहना है कि नया विधेयक कर तटस्थता बनाए रखते हुए टैक्स कानूनों को सरल बनाने, कानूनी जटिलताओं को कम करने और टैक्सपेयर्स के लिए अनुपालन को आसान बनाने पर केंद्रित है।

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सभी को किया शामिल

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अक्टूबर 2024 में इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉन्च किए गए एक समर्पित वेबपेज के माध्यम से करदाताओं और वित्तीय विशेषज्ञों सहित हितधारकों से सक्रिय रूप से इनपुट मांगा था। भाषा सरलीकरण, मुकदमेबाजी में कमी, अनुपालन को सुव्यवस्थित करने और पुराने प्रावधानों को हटाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए 6,500 से अधिक सुझाव प्रस्तुत किए गए। इस व्यापक समीक्षा को सुविधाजनक बनाने के लिए एक आंतरिक सीबीडीटी समिति और 22 विशेष उप-समितियां स्थापित की गईं थीं।

क्या हैं मुख्य अपेक्षाएं?

वर्तमान आयकर अधिनियम के 23 चैप्टर में 298 सेक्शन हैं। नए विधेयक में अप्रासंगिक संशोधनों को छोड़कर इन प्रावधानों में कमी का प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य टैक्स की भाषा को सरल बनाना है, ताकि लोगों को टैक्स कंसल्टेंट पर ज्यादा निर्भर न रहना पड़े। वह खुद भी टैक्स प्रणाली को आसानी से समझ सकें। नए बिल में कर दायित्वों को सरल बनाने के प्रयासों के तहत अनावश्यक संशोधनों को समाप्त करने की बात कही गई है। टैक्स कोड की लंबाई को 50 प्रतिशत तक कम किया गया है।

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करदाताओं पर प्रभाव

इस बिल को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं, जैसे कि क्या टैक्स में बढ़ोतरी जैसा कुछ हो सकता है? वित्त सचिव ने आश्वासन दिया है कि नए बिल में ऐसा कुछ नहीं है। टैक्स रेट या स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा। इसका प्राथमिक लक्ष्य स्थिर कर ढांचे को बनाए रखते हुए मुकदमेबाजी और अनुपालन बोझ को कम करना है। यह भारत में अधिक पारदर्शी और कुशल कर प्रणाली की दिशा में एक कदम है, जो बेहतर कर अनुपालन को बढ़ावा देता है और कानूनी विवादों को कम करता है।

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News24 हिंदी

First published on: Feb 12, 2025 09:45 AM

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