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Income Tax: 10 हजार की कमाई पर भरा 43 लाख रुपये का टैक्स! जानें क्या होता है Tie-Breaker Rule

Income Tax: एक व्यक्ति को 10 हजार की कमाई पर करीब 43 लाख रुपये का टैक्स भरना पड़ा। ऐसा क्यों और इनकम टैक्स का टाई ब्रेकर नियम क्या है? आइए इसके जानते हैं।

Edited By : Simran Singh | Updated: Oct 9, 2024 12:07
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Income Tax Tie-Breaker Rule
आयकर टाई-ब्रेकर नियम

Income Tax: एक युवक के लिए तब समस्या खड़ी हो गई जब भारत में उसने अपनी कमाई 10 हजार रुपये के करीब बताई लेकिन असल में उसके लिए टैक्स योग्य कमाई करीब 43 लाख रुपये तक रही। जी हां, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (Income Tax Appellate Tribunal) ने हाल ही में इस मामले में अपना फैसला सुनाया है। भारत में रहने वाले इस युवक को अमेरिका की कमाई पर टैक्स चुकाना होगा। हालांकि, ऐसा क्यों और किस नियम के तहत किया गया है? आइए जानते हैं।

भारत में रहकर US की कमाई पर क्यों चुकाना है टैक्स?

टैक्स कानून के तहत गैर-निवासियों पर भारत में विदेशी आय पर कर नहीं लगाया जाता है, लेकिन इस मामले में व्यक्ति देश और विदेश दोनों जगह निवासी है। भारत और अमेरिका दोनों का कर निवासी होने के कारण उसे अमेरिकी कमाई का भी टैक्स चुकाना होगा।

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भारत-अमेरिका टैक्स समझौता

भारत और अमेरिका दोनों के निवासी होने पर अब सवाल ये उठता है कि ये व्यक्ति कर देता कहां का है? ये जानने के लिए ‘टाई-ब्रेकर टेस्ट’ किया जाता है। भारत में करीब 10 हजार की कमाई और अमेरिका में 43.5 लाख की कमाई करने वाले इस शख्स  को कर कहां भरना होगा, इसके लिए भारत-अमेरिका का टैक्स समझौता के तहत टाई-ब्रेकर टेस्ट के लिए आवेदन करना जरूरी होगा।

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भारत में कर योग्य रहा शख्स

इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) ने कुछ मानदंडों को ध्यान में रखते हुए टाई-ब्रेकर टेस्ट के जरिए ये फैसला किया कि व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण हित का केंद्र भारत के करीब था जिस वजह से अमेरिकी कमाई का कर भी उसे भारत में चुकाना होगा। बता दें कि व्यक्ति ने 2012-13 के लिए 9,570 रुपये की इनकम का ऐलान किया था, लेकिन अमेरिकी कमाई जुड़ने के बाद उसकी कुल आय 43.5 लाख रुपये हो गई।

क्या है इनकम टैक्स का टाई ब्रेकर नियम?

इनकम टैक्स का टाई ब्रेकर नियम, इनकम टैक्स ट्रीटी (Income Tax Treaty) में जोड़ा जाता है। इससे ये पता लगाया जा सकता है कि कौन सा देश टैक्स लगा सकता है जो दो देशों का निवासी होता है। दो देशों के निवासी टैक्स भरने के लिए योग्य हो सकते हैं। आमतौर पर ऐसा तब देखा जाता है जब कोई एक देश में रहता है और दूसरे देश में कमाई करने के लिए रहता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति दोनों देशों में टैक्स देनदार हो सकता है।

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Edited By

Simran Singh

First published on: Oct 09, 2024 12:07 PM

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