Indian Economy Growth: हाल ही में ये बात सामने आई थी कि वित्त वर्ष 2024-25 में इकोनॉमी में 7% से अधिक बढ़ोतरी हो सकता है। इसी बीच आईएमएफ एशिया पैसिफिक डिपार्टमेंट के डायरेक्टर कृष्ण श्रीनिवासन ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक बड़ी कह दी है। पीटीआई के साथ अपने एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि जब तक भारत में माइक्रो इकोनॉमी फंडामेंटल्स बेहतर रहेंगे, तब तक यह दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली इकोनॉमी बना रहेगा।
अपने इंटरव्यू ने उन्होंने कहा कि भारत के दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोइंग इकोनॉमी बने रहने की उम्मीद है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
कितने % बढ़ सकती है अर्थव्यवस्था
IMF डॉयरेक्टर ने अपने इंटरव्यू के दौरान कहा कि हम वित्त वर्ष 24-25 में सात प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान लगाते हैं, जिसे ग्रामीण खपत में सुधार एक प्रमुख कारण हो सकता है, क्योंकि फसलें बेहतर स्थिति में रही हैं। इसके साथ ही फूड प्राइज सामान्य रहा है, जिस कारण उतार-चढ़ाव के बावजूद भी वित्त वर्ष 24-25 में मुद्रास्फीति घटकर 4.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि चुनावों के बावजूद राजकोषीय समेकन पटरी पर बना हुआ है और रिजर्व की स्थिति भी सही है। सीधे शब्दों में कहें तो भारत के माइक्रो इकोनॉमी फंडामेंटल्स बेहतर मजबूत हैं। इसके साथ ही श्रीनिवासन ने देश की स्थिति में सुधार के लिए कुछ सुझाव दिए और बताया कि हमें तीन खास एरिया पर ध्यान देना होगा।
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इन तीन पहलुओं पर काम है जरूरी
श्रीनिवासन ने बताया कि इन तीन खास पहलुओं में सबसे पहला ये है कि भारत में जॉब्स का ऑप्शन बढ़ाया जाए और नए जॉब तैयार किए जाए। उन्होंने कहा,’ मेरा मानना है कि 2019-2020 में अप्रूव की गए लेबर कोड को लागू करना जरूरी है, क्योंकि वे वर्कर को सामाजिक सुरक्षा देते हुए मार्केट को ज्यादा फ्लेक्सिबल बनाएंगे।
आगे उन्होंने बताया कि देश में कॉम्पिटिशन को बनाए रखने के लिए कुछ ट्रेड बैरियर को हटाने की जरूरत है, क्योंकि लिबरल ट्रेड पॉलिसी प्रोडक्शन फर्म को बढ़ने और पनपने की अनुमति देती है। आगे उन्होंने कहा क्योंकि कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा है, इसलिए यह अपने आप में रोजगार पैदा करता है। मुझे लगता है कि यह जरूरी है कि ज्यादा ट्रेड बैरियर हटाए जाएं।
इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार
उन्होंने आगे बताया कि फिजिकल और डिजिटल दोनों ही इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने कृषि और भूमि सुधारों पर ध्यान देने की जरूरत पर भी जोर दिया। आगे उन्होंने कहा कि आपको शिक्षा और कौशल को मजबूत करने के बारे में सोचना होगा।
श्रीनिवासन ने वर्कफोर्स स्किल में निवेश के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सर्विस सेक्टर में ज्यादा रोजगार पैदा करने में सक्षम अर्थव्यवस्था में सही स्किल होना जरूरी है। इसलिए, शिक्षा में निवेश करना और वर्कफोर्स को कुशल बनाना बहुत जरूरी है।
IMF डायरेक्टर ने कहा कि सोशल सेफ्टी नेट को मजबूत करना एक और जरूरी सुधार है। श्रीनिवासन ने आगे कहा कि अंत में, मैं कहूंगा कि अभी भी बहुत सारी रेड टेप है। कारोबारी माहौल में सुधार एक जरूरी पहलू होगा। ये कुछ ऐसे सुधार हैं जिन्हें मैं प्राथमिकता दूंगा।