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उम्र के आधार पर रिटायरमेंट प्लान कैसे बनाएं

एक कहावत है कि ‘बढ़ापे की लाठी- पेंशन है साथी’। व्यक्ति की जैसे – जैसे उम्र ढलती है, वैसे – वैसे बुढ़ापे की चिंता सताती है। ऐसे में अगर सुनोयोजित तरीके से बनाया गया रिटायरमेंट प्लान और पेंशन योजना बहुत काम आती हैं। पेंशन से आर्थिक आत्मनिर्भरता बनी रहती है। जिससे आगे का जीवन सम्मानजनक […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Sep 13, 2022 11:46
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एक कहावत है कि ‘बढ़ापे की लाठी- पेंशन है साथी’। व्यक्ति की जैसे – जैसे उम्र ढलती है, वैसे – वैसे बुढ़ापे की चिंता सताती है। ऐसे में अगर सुनोयोजित तरीके से बनाया गया रिटायरमेंट प्लान और पेंशन योजना बहुत काम आती हैं। पेंशन से आर्थिक आत्मनिर्भरता बनी रहती है। जिससे आगे का जीवन सम्मानजनक तरीके से व्यतीत किया जा सकता है।

उम्र के हिसाब से हर व्यक्ति के पास उसकी जिम्मेदारी और आशाएँ होती है। जब आप जवान होते हैं, उस समय आप तन, मन, और धन से जुड़ी हुई अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए खूब मेहनत कर लेते है। लेकिन एक समय ऐसा भी आता है, जब आप शारीरिक रूप से उतने सक्षम नहीं रह जाते हैं, आपको बुढ़ापा घेरने लगता है। ऐसे में रिटायरमेंट प्लान ही आपके सबसे ज्यादा काम आता है।

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आइये आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि उम्र के आधार पर रिटायरमेंट प्लान कैसे बनाना चाहिए।

25 से 35 की उम्र में रिटायरमेंट की प्लान बनाना – अग्र सोची, सदा सुखी

अब आप सोच रहे होंगे की 25 की उम्र में कौन रिटायरमेंट प्लान बनाता है। लेकिन, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा, की इस उम्र में लिए गये पेंशन प्लान आपको सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाते हैं। सबसे पहला ये, कि उम्र कम होने की वजह से आपके प्रीमियम की राशि भी कम होगी। आप पेंशन प्लान में अपनी आय का 5 से 8 प्रतिशत का भी निवेश करते हैं, तो भी आपको बुढ़ापे में अच्छी खासी पेंशन राशि मिलेगी।

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यदि आप जॉब लगते ही पेंशन प्लान ले लेते हैं, तो आप फ़ालतू के खर्चों को नियंत्रित करने में भी सफलता हासिल कर लेंगे। आपको याद रहेगा की पेंशन प्लान का प्रीमियम देना है। आप इस समय युवा होते हैं, तो आप में जोखिम लेने की क्षमता भी अधिक होती है। आप निवेश में भी जोखिम ले सकते हैं। आप इक्विटी जैसे उच्च जोखिम वाले निवेश विकल्पों का भी चयन कर सकते है।

35 से 45 की उम्र में रिटायरमेंट की प्लान बनाना – भूल सुधार

यदि आप 35 से 45 की उम्र के आसपास है, और आपने अभी तक अपने बुढ़ापे में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के लिए किसी भी तरह का पेंशन प्लान नहीं लिया है, तो अभी भी वक्त है। आप पेंशन प्लान लेने का अहम कदम अभी भी उठा सकते हैं। रिटायरमेंट प्लान में निवेश कर सकते हैं।

सामान्य तौर पर व्यक्ति की रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष होती है। इस हिसाब से देखा जाए, तो आपके पास अभी भी समय है, एक अच्छा पेंशन प्लान लेने के लिए। इस समय तक आपके ऊपर जिम्मेदारी थोड़ी ज्यादा बढ़ जाती है। बच्चों की, घर की, तो आप निवेश में रिस्क कम उठा पाते हैं, यही वजह है कि आपको अपने लिए कम जोखिम के साथ सुरक्षित निवेश वाले पेंशन प्लान चुनना चाहिए।

उम्र के इस पड़ाव में रिटायरमेंट से जुड़े हुए प्लान में तुरंत निवेश करना अच्छा रहता है। मार्केट में ऐसे कई पेंशन प्लान्स मौजूद हैं, जिनसे आप नियमित आय प्राप्त कर सकते हैं। बस आपको जरूरत है अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उनका चुनाव करने की।

50 की उम्र में रिटायरमेंट की प्लान बनाना – जब जागो, तभी सबेरा

यदि आपकी उम्र 50 हो गई है, और आपने अभी तक किसी भी तरह का कोई पेशन प्लान नहीं लिया है, तो अभी भी आपके पास 10 वर्ष बचे हैं, आप पेंशन प्लान ले सकते हैं। लेकिन उम्र के इस पड़ाव में पेंशन प्लान लेने से आपको प्रीमियम राशि का भुगतान अधिक करना होगा। यदि आपके पास बजट है, तो आप सिंगल प्रीमियम वाला पेंशन प्लान भी ले सकते हैं।

इसके अलावा आप वार्षिकी प्लान में भी निवेश कर सकते है। कई बीमा कंपनियां पेंशन प्लान में फ्लेक्सिबल विकल्प अपने ग्राहकों को प्रदान करती है। आपको सलाह दी जाती है कि उम्र के इस पड़ाव में जोखिम वाली पेंशन प्लानओं में निवेश न करें। ऐसे विकल्प तलाशे जो पूरी तरह से सुरक्षित हो।

पेंशन प्लान के प्रकार

पेंशन प्लान के प्रकारों की बात करें, तो यह कई प्रकार के होते हैं। आप इनमें से किसी का भी चुनाव अपनी आवश्यकता के अनुसार कर सकते हैं। आप किसी भी बीमा कंपनी एजेंट या फिर वेबसाईट से इनके बारे में जानकारी ले सकते हैं।

● राष्ट्रीय पेंशन प्लान (एनपीएस)
● सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ)
● कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ)
● विभिन्न प्रकार के एन्युटी प्लान
● यूलिप प्लान

पेंशन प्लान लेते समय ध्यान रखने योग्य बातें

रिटायरमेंट को सेक्योर करने के लिए पेंशन प्लान का चुनाव करते वक्त निम्न बातों का खास ध्यान रखें-
● जब आप रिटायरमेंट की प्लान बनाए, महंगाई की दर का सबसे ज्यादा ध्यान रखें। उसी हिसाब से अपने लिए पेंशन प्लान का चुनाव और प्रीमियम की दर तय करें।
● रिटायरमेंट के बाद आपकी नियमित आय बंद हो जाती है। ऐसे में सब कुछ आपके पेंशन प्लान से मिलने वाली रकम पर निर्भर होता है। इसलिए पेंशन प्लान लेते समय इस बात का अंदाजा लगाएं की आपको महीने के बेसिक खर्चों के लिए कितने रुपयों की जरूरत हो सकती है, इसमें यह भी जोड़े कि यदि अचानक के कुछ खर्चे बढ़ भी जाए, तो आप उसे भी मैनेज कर पाए। कहने का आशय है कि आपात स्थितियों से निपटने के लिए बुढ़ापे में आपके पास पर्याप्त धन राशि होनी चाहिए। इसका अंदाजा आप ऑनलाइन रिटायरमेंट कैलकुलेटर से लगा सकते हैं।
● रिटायरमेंट के पहले आप अपने ऊपर के सारे कर्जों को चुका कर समाप्त कर दें। नौकरी में रहते हुए आपको अपने सारे कर्ज चुका देना चाहिए। ऐसा करने से आपको पेंशन प्लान के तहत जो रकम प्राप्त होगी आप उसका पूरी तरह से प्रयोग अपने लिए कर पाएंगे।

तो इस तरह से आपने देखा कि बुढ़ापे के लिए रिटायरमेंट प्लान लेना कितना कारगर उपाय है और पेंशन प्लान कैसे लिया जा सकता है। अपनी आवश्यकता के अनुसार हर व्यक्ति को प्रयास करना चाहिए वह पेंशन प्लान से सेक्योर रहें, ताकि ढलती उम्र में किसी के ऊपर बोझ बनने की नौब्बत ना आये।

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Nitin Arora

First published on: Sep 13, 2022 11:46 AM

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