Home Loan Interest Rate 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 7 फरवरी 2025 को अपनी मोनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की कटौती की, जिससे यह 6.25% पर आ गया। यह रेट पिछले दो सालों से स्टेबल रहा था, लेकिन अब इसमें बदलाव हुआ है। इस फैसले के बाद देश के 6 बड़े बैंकों ने होम लोन की ब्याज दरों में कटौती की है, जिससे नए और मौजूदा लोन होल्डर्स को राहत मिलेगी। आइए इसके बारे में जानते हैं।
क्या है रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR)?
रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) वह दर होती है, जिस पर बैंक अपने कस्टमर्स को को लोन देते हैं। बता दें कि यह दर सीधे RBI के रेपो रेट से जुड़ी होती है। अक्टूबर 2019 में RBI ने सभी बैंकों को डॉयरेक्शन दिया था कि वे अपने रिटेल लोन को बाहरी बेंचमार्क रेट (E-BLR) से लिंक करें। इसके कारण ज्यादातर होम लोन फ्लोटिंग दर पर दिए जाते हैं, जो RBI के रेपो रेट में बदलाव होने पर घटते या बढ़ते हैं। अब जब ब्याज दरों में कटौती हुई है, तो कस्टमर्स अपने होम लोन की EMI को कम कर सकते हैं या फिर लोन का टाइम घटाकर ब्याज में बचत कर सकते हैं। आइए इसके बारे में जानते हैं।
इन बैंकों ने की होम लोन ब्याज दरों में कटौती
- कैनरा बैंक: इस लिस्ट में सबसे पहला नाम कैनरा बैंक का है, जिसका पुराना RLLR 9.25% था। हालांकि रेपो रेट में गिरावट के बाद नया RLLR 9.00% रह जाएगा। नई ब्याज दर 12 फरवरी 2025 से लागू हो गई है।
- बैंक ऑफ बड़ौदा: इसका पुराना रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट 9.15% था, जिसे अब 8.90% कर दिया गया है। ये ब्याज दर 10 फरवरी 2025 से लागू है।
- बैंक ऑफ इंडिया: इसका पुराना RLLR 9.35% था, जिसे 9.10% कर दिया गया है और यह 7 फरवरी से लागू है।
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया: इस बैंक का पुराना RLLR 9.25% है, जिसे अब 9.00% कर दिया गया है। इसे 11 फरवरी से लागू किया गया है।
- इंडियन ओवरसीज बैंक: IOB का पुराना RLLR 9.35% था, जिसे 9.10% कर दिया गया है। ये नया रेट भी 11 फरवरी से लागू हुआ है।
- पंजाब नेशनल बैंक: PNB इस लिस्ट का आखिरी नाम है, जिसका पुराना RLLR 9.25% था और अब इसे 9.00% कर दिया गया है। इसे 10 फरवरी 2025 को लागू किया गया है।
कस्टमर्स को होगा फायदा
RBI के रेपो रेट कटौती के बाद बैंकों द्वारा RLLR में कमी करने से नए होम लोन सस्ते हो जाएंगे। इसके साथ ही मौजूदा कस्टमर्स की EMI भी घट सकती है। अब कस्टमर्स अपने लोन की मंथली EMI कम करने या लोन का टाइम घटाकर ब्याज में बचत कर सकते हैं।
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