Hindenburg Research Disbanding: अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने की खबर पर वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी की प्रतिक्रिया सामने आई है। उनका कहना है कि नाथन एंडरसन ने जांच के डर से हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का फैसला लिया है। बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई ऐसे खुलासे किए, जिनकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी। कंपनी ने अदाणी समूह पर भी रिपोर्ट जारी की थी, जिसकी वजह से भारतीय शेयर बाजार में भूचाल आ गया था।
#WATCH | Delhi | On Hindenburg Research disbanding, Senior Advocate Mahesh Jethmalani says, ” Either he has already been sounded out by investigating authorities in the US or he fears that he will be investigated for his role in the attempt to shake India’s economy by bare… pic.twitter.com/rFWpQuC8wy
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) January 16, 2025
यह आर्थिक आतंकवाद
महेश जेठमलानी ने कहा कि या तो अमेरिका में जांच अधिकारियों ने उन (हिंडनबर्ग रिसर्च) पर पहले ही शिकंजा कस दिया है या उन्हें डर है कि अदाणी के शेयरों में भारी गिरावट लाकर भारत की अर्थव्यवस्था को हिलाने की कोशिश में उनकी भूमिका की जांच की जाएगी। उन्होंने आशंका जताई कि संभवतः जॉर्ज सोरोस द्वारा नियंत्रित डेमोक्रेटिक डीप-स्टेट द्वारा हिंडनबर्ग का इस्तेमाल किया जा रहा था और अब वे बच निकलने की कोशिश कर रहे हैं। जेठमलानी ने आगे कहा कि जब आप किसी अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश करते हैं, तो यह आर्थिक आतंकवाद है।
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#WATCH | Delhi: On Hindenburg Research disbanding, Foreign Affairs Expert Abhijit Iyer-Mitra says, “Personally I’m surprised but not unexpected…We had always assumed that the short-selling market was a legal one. Why are these people shutting down right now? Given the… pic.twitter.com/YBXoXxwZCE
— ANI (@ANI) January 16, 2025
यह अप्रत्याशित नहीं था
वहीं, विदेशी मामलों के विशेषज्ञ अभिजीत अय्यर-मित्रा ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने पर व्यक्तिगत रूप से मैं आश्चर्यचकित हूं, लेकिन यह अप्रत्याशित नहीं था। हमने हमेशा यह मान लिया था कि शॉर्ट-सेलिंग मार्केट कानूनी है। नाथन एंडरसन अब कंपनी क्यों बंद कर रहे हैं? कंपनी के अपारदर्शी ढांचे को देखते हुए, हम नहीं जानते कि उसके कर्मचारी कौन हैं, हम नहीं जानते कि उसे फंड देने वाले कौन हैं। उन्होंने आगे कहा कि एक ऐसी कंपनी जो सार्वजनिक भलाई का दावा करती है, पारदर्शिता को बढ़ावा देने की बात करती है, उसमें खुद पारदर्शिता की कमी है। मुझे लगता है कि वहां बहुत कुछ गैरकानूनी है और उसका संबंध राजनीति से है। इसलिए अब यह बंद हो रही है।
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बाहरी ताकतों का हाथ
अभिजीत अय्यर-मित्रा ने कहा, मुझे यकीन है कि हिंडनबर्ग के पीछे कुछ बाहरी ताकतें हैं। जब आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं होता है, तो आप अपने सभी फंड देने वाले, अपने कर्मचारियों और इस तरह की हर चीज के बारे में पारदर्शी हो जाते हैं। उन्होंने नाथन एंडरसन के बारे में बोलते हुए कहा कि यह केवल एक व्यक्ति है जो अवैध रूप से काम करता है, फंडिंग को छिपाने की कोशिश करता है। हमें यह भी नहीं पता कि उनका कार्यालय कहां है। उनकी वेबसाइट पर उनका पंजीकृत कार्यालय भी सूचीबद्ध नहीं है। मुझे यकीन है कि इसमें बाहरी ताकतें शामिल हैं।