SEBI Statement On Hindenburg Report : अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की एक और रिसर्च रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें भारतीय बाजार नियामक सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चीफ पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इसे लेकर सेबी ने पलटवार करते हुए अपना पहला बयान जारी किया। सेबी ने कहा कि इंवेस्टर हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर सावधानी बरतें और इस वक्त शांति बनाए रखें। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से पहले निवेशक पूरी तरह से जांच पड़ताल कर लें।
जानें सेबी ने क्या कहा?
सेबी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का खंडन किया और कहा है कि अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सेबी ने विधिवत जांच की। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नियामक ने 24 में से 22 मामलों में जांच पूरी कर ली। बची जांच भी अंतिम कगार पर है। जिन केसों में जांच पूरी हो गई है, उनमें एक्शन शुरू हो गया। इस मामले की जांच के लिए सेबी ने 100 से अधिक समन, 1,100 पत्र और ईमेल जारी किए।
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हिंडनबर्ग पर क्या बोलीं सेबी की चीफ?
इससे पहले सेबी की चीफ माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि पूंजी बाजार नियामक की विश्वसनीयता पर हिंडनबर्ग की ओर से हमला किया जा रहा है। साथ ही चेयरपर्सन के चरित्र हनन करने की कोशिश की जा रही है।
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हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट में क्या हुआ खुलासा
आपको बता दें कि इससे पहले हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को आरोप लगाया कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति की अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में इस्तेमाल की गई दोनों अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी। इससे पहले अमेरिकी फर्म ने साल 2023 के जनवरी में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें अडानी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया, जिससे कंपनी के शेयर गिर गए थे। हालांकि, गौतम अडानी ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था।