HDFC-HDFC Bank merger: HDFC लिमिडेट का देश के सबसे बड़े निजी ऋणदाता HDFC बैंक में 1 जुलाई को विलय हो जाएगा। HDFC के चेयरमैन दीपक पारेख ने इस बारे में जानकारी दी और साथ ही कहा कि एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के बोर्ड विलय को मंजूरी देने के लिए 30 जून को बाजार बंद होने के बाद बैठक की जाएगी।
ऐसे में सवाल उठता है कि अगर HDFC लिमिडेट, HDFC में जुड़ जाएगा तो उसके शेयरों का क्या होगा? इसपर HDFC के उपाध्यक्ष और सीईओ केकी मिस्त्री ने बताया कि एक्सचेंजों से HDFC स्टॉक की डीलिस्टिंग 13 जुलाई से प्रभावी होगी। यानी 13 जुलाई से HDFC लिमिडेट के शेयरों की ट्रेडिंग बंद हो जाएगी।
बता दें कि अप्रैल 2022 में, HDFC बैंक ने लगभग 40 बिलियन डॉलर के सौदे में देश के सबसे बड़े बंधक ऋणदाता हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) का अधिग्रहण करने की घोषणा की।
अब एक बार डील हो जाने के बाद HDFC बैंक का 100% स्वामित्व सार्वजनिक शेयरधारकों के पास होगा और एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक का 41% स्वामित्व होगा।
शेयरधारकों पर क्या होगा असर?
विलय की शर्तों के अनुसार, प्रत्येक एचडीएफसी शेयरधारक को उनके प्रत्येक 25 शेयरों के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे। यानी अगर एचडीएफसी के 10 शेयर हैं तो आपको एचडीएफसी बैंक के 17 शेयर मिलेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि 13 तारीख से HDFC लिमिडेट के शेयरों की ट्रेडिंग बंद हो जाएगी और संयुक्त कंपनी के शेयरों की 17 जुलाई से ट्रेडिंग होगी।
ग्राहकों को क्या फायदा होगा?
दरअसल, पहले ग्राहकों को एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक की सेवाओं का लाभ लेने के लिए अलग-अलग ब्रांच में जाना पड़ता था, लेकिन अब यह एक ही ब्रांच में मुमकिन हो सकेगा। वहीं, दोनों के एक होने से बैंक की कैपिटल पहले से ज्यादा बढ़ जाएगी। तो ऐसे में फिर अधिक जोखिम वाले लोन भी दिए जा सकेंगे। इसके अलावा ग्राहकों को पहले की तरह सभी सेवाएं मिलती रहेंगी।