Aadhaar Cyber Fraud: धोखाधड़ी आम बात है, जहां हैकर किसी का मोबाइल फोन हैक कर लेते हैं और बैंकों से उनका पैसा निकाल लेते हैं। कभी-कभी, हैकर अनधिकृत वेबसाइटों से जानकारी चुरा लेते हैं और किसी की व्यक्तिगत जानकारी का फायदा उठा लेते हैं। कई बार वे ओटीपी, पेमेंट या क्यूआर कोड के जरिए लोगों को बरगलाते हैं। लेकिन, क्या आपने कोई ऐसी कहानी सुनी है जहां कोई घर पर बैठा हो और किसी के साथ कोई ओटीपी या निजी जानकारी शेयर न की हो और फिर भी किसी ने उसके खाते से पूरी तरह से पैसे उड़ा लिए हों।
आधार बायोमेट्रिक्स भी सेफ नहीं
आधार कार्ड से जानकारी चुराकर इस तरह की ठगी की गई है। इस पूरी घटना से जो बात सामने आई उससे यह विश्वास होता है कि अब किसी की उंगलियों के निशान (बायोमेट्रिक्स) भी सुरक्षित नहीं हैं।
आइए जानते हैं कैसे हुई ये पूरी कहानी और कैसे जालसाज ने अपने प्लान को अंजाम दिया?
एक चौंकाने वाले खुलासे में यह बात सामने आई कि हैकर ने पहले एक महिला के नाम पर एक घर के रजिस्ट्री रिकॉर्ड से अंगूठा और उंगलियों के निशान चुराए और फिर उन बायोमेट्रिक्स का इस्तेमाल कर महिला के पूरे बैंक खाते को खाली कर दिया।
पहले तो यह नामुमकिन लगता है, लेकिन मशहूर यूट्यूबर पुष्पेंद्र सिंह की मां के साथ ऐसा ही हुआ। अपने यूट्यूब और ट्विटर चैनलों पर पुष्पेंद्र लोगों को पर्सनल फाइनेंस और साइबर क्राइम पर सलाह देते हैं। लेकिन उन्हें खुद हाल ही में साइबर धोखाधड़ी झेलनी पड़ी। पूरी घटना को पुष्पेंद्र ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है।
कैसे पकड़ में आया मामला?
इसे सिलसिलेवार तरीके से जानें कि उसकी मां के मामले में क्या हुआ। पुष्पेंद्र पिछले महीने फरीदाबाद में पंजाब नेशनल बैंक की एक शाखा में अपनी मां की पासबुक में एंट्री कराने गया था। लेकिन एंट्री करने के बाद जो सामने आया उसने उनके होश उड़ा दिए। खाते में जीरो बैलेंस था। उन्होंने घटना की जानकारी बैंक प्रबंधक को दी।
पुष्पेंद्र हैरान था, उन्होंने तुरंत अपनी मां को फोन किया और बताया कि उसके खाते में एक पैसा भी नहीं है। मां ने कहा कि उसने कभी पैसे नहीं निकाले थे, उसका खाता कैसे खाली हो सकता था? पुष्पेंद्र अपने घर वापस आया और अपनी मां के साथ बैंक गया और फिर से बैंक मैनेजर को सारा मामला बताया।
जांच करने पर पता चला कि बिहार के एक व्यक्ति ने आधार कार्ड के डेटा से लिए गए फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल कर खाते से पैसे निकाले थे। पुष्पेंद्र अभी भी सदमे में था क्योंकि उन्होंने प्रबंधक को बताया कि उसकी मां ने किसी के साथ कोई ओटीपी या आधार कार्ड विवरण साझा नहीं किया।
बैंक ने क्या कहा?
पूरे मामले को जानने के बाद, बैंक प्रबंधक ने खुलासा किया कि यह उनके सामने आया, यह पहला मामला नहीं था, और इसी तरह के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, जहां हैकर्स ने प्लॉट/फ्लैट रजिस्ट्री रिकॉर्ड से फिंगर प्रिंट कॉपी/क्लोन किया और बायोमेट्रिक विवरण का उपयोग करके ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया।
उन्होंने कहा कि यदि बैंक में पैसा सुरक्षित नहीं हो सकता तो वह इसे कहां रखें? उन्होंने कहा कि यह बैंकिंग प्रणाली की विफलता है क्योंकि बैंक ने अलग-अलग खातों से बार-बार लेनदेन के बावजूद खाता एक्सेस को ब्लॉक नहीं किया। बताया गया कि सबसे आश्चर्यजनक उत्तर बैंक प्रबंधक का था, जिसने कहा कि शिकायत दर्ज करने में बहुत देर हो चुकी है। प्रबंधक ने कहा कि ठगी का शिकार हुए अन्य लोग भी शिकायत दर्ज कराने को लेकर गंभीर नहीं हैं।