गोल्ड की कीमतें पिछले कुछ दिनों में नीचे आई हैं। 1 लाख रुपये की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचने के बाद गोल्ड नीचे फिसल गया है। जितनी जल्दी सोना एक लाख के ऊपर पहुंचा उतनी ही तेजी से नीचे भी आ गया। हालांकि, अब भी इसकी कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। गोल्ड 95 हजार के पार चल रहा है और इस साल अब तक यह 29% के आसपास रिटर्न दे चुका है।
अभी क्या हैं दाम?
इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट वाला 10 ग्राम सोना 95631 रुपये भाव पर मिल रहा है। पिछले साल के मुकाबले इस साल गोल्ड प्राइस काफी तेजी से बढ़े हैं। 2024 में सोने ने करीब 25 प्रतिशत का रिटर्न दिया था और 2025 के चार महीनों में ही यह इससे ज्यादा चढ़ चुका है। 23 अप्रैल को सोना एक ही दिन में 3 हजार रुपये की छलांग लगाते हुए 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया था। हालांकि, इसके दूसरे ही दिन लगभग इतनी ही गिरावट के साथ यह नीचे आ गया। वहीं, चांदी इस समय 1,00,900 प्रति किलोग्राम पर मिल रही है।
ऐसी रहेगी चाल?
सोने की कीमतों में गिरावट भले ही आई है, लेकिन इसके शानदार कमबैक की पूरी संभावना है। अमेरिकी फाइनेंशियल फर्म यार्डेनी रिसर्च के प्रेसिडेंट एड यार्डेनी (Yardeni Research President Ed Yardeni) का मानना है कि इस साल के आखिरी तक गोल्ड प्राइस 4000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। इस हिसाब से भारत में सोने का भाव 1,35,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने का अनुमान है। उनका यह भी कहना है कि अगले साल यानी 2026 में गोल्ड 5000 डॉलर प्रति औंस के आंकड़े को पार कर सकता है। यानी भारत में इसकी कीमत 1,53,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकती है।
उछाल की संभावना
सोने की कीमतों में तेजी अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर आई थी। जब इस तनाव के घटने के संकेत मिले, तो सोना कमजोर हो गया और एक लाख की ऐतिहासिक ऊंचाई से फिसलकर 95 हजार पर आ गया। अब दोनों देशों में हालात सुधरने की उम्मीद फिर से कम पड़ती दिखाई दे रही है। चीन ने कहा है कि टैरिफ के मुद्दे पर अमेरिका से कोई बातचीत नहीं चल रही। साथ ही उसने यह भी कहा है कि अमेरिका को एकतरफा टैरिफ हटाना होगा। जबकि ट्रंप कह चुके हैं कि टैरिफ कम हो सकता है, लेकिन जीरो नहीं। ऐसे में टैरिफ पर अनिश्चितता बरकरार है। यही अनिश्चितता दोबारा गोल्ड के लिए बूस्ट का काम कर सकती है।
कैसे प्रभावित होती हैं कीमतें?
देश में सोने की कीमतें केवल मांग और आपूर्ति से ही प्रभावित नहीं होतीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली गतिविधियों का भी इन पर असर पड़ता है। लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट सहित प्रमुख वैश्विक बाजारों में होने वाली व्यापारिक गतिविधियों से भी सोने की कीमतें काफी हद तक प्रभावित होती हैं।
कौन तय करता है दाम?
दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा Gold की कीमत तय की जाती है। वो US डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है, जो बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है। वहीं, अपने देश में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य टैक्स को जोड़कर यह निर्धारित करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा।
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