सोने की कीमत में आज यानी 21 अप्रैल को फिर एक बड़ा उछाल देखने को मिला है। इसी के साथ सोना 1 लाख का आंकड़ा पार करने के बेहद करीब पहुंच गया है। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर के चलते सोने में निवेश बढ़ रहा है। इसके अलावा, भारत में शादियों का सीजन शुरू हो गया है, उससे भी गोल्ड की कीमतों को बूस्ट मिला है। शादियों के मौसम में अपेक्षाकृत सोने की खरीदारी बढ़ जाती है।
इतनी चढ़ी कीमत
सोना आज 98 हजार के आंकड़े को पार कर गया है और 1 लाख से केवल 1650 रुपये दूर है। गुड रिटर्न्स के अनुसार, 24 कैरेट वाला 10 ग्राम सोना आज 770 रुपये महंगा होकर 98,350 रुपये पर पहुंच गया है। सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी उछाल दर्ज हुआ है। एक किलोग्राम सिल्वर की कीमत 1 हजार रुपये की बढ़ोतरी के साथ अब 1,01,000 रुपये हो गई है। जिस तरह का प्रदर्शन सोने ने पिछले कुछ दिनों में दिखाया है, अगर वह बरकरार रहता है तो अगले चंद दिनों में ही गोल्ड 1 लाख का आंकड़ा पार कर सकता है।
क्यों बढ़ रहे दाम?
सोने की कीमतों में तेजी की मुख्य वजह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मची उथल-पुथल है। अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर लगातार तेज हो रही है। जब भी इस तरह का माहौल निर्मित होता है, सोने में निवेश बढ़ जाता है। क्योंकि दूसरे बाजारों में अस्थिरता की आशंका ज्यादा रहती है। जब निवेश बढ़ता है, तो कीमतों का चढ़ना लाजमी है। सोना इस साल अब तक 25% से अधिक का रिटर्न दे चुका है, जो शेयर बाजारों की तुलना में काफी अधिक है। इस वजह से भी निवेशकों की दिलचस्पी इस पीली धातु में बढ़ी है।
अब क्या हो रणनीति?
सोने में लगातार आ रही उछाल के बीच निवेश करना चाहिए या नहीं? इसे लेकर एक्सपर्ट्स की राय अलग-अलग है। मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के ग्रुप सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नवनीत दमानी का कहना है कि नीतिगत अनिश्चितता, मुद्रास्फीति का दबाव और अस्थिर भू-राजनीतिक माहौल में सोना स्थिरता का प्रतीक बना हुआ है। चूंकि केंद्रीय बैंक अपने भंडार को मजबूत कर रहे हैं और निवेशक सुरक्षा चाहते हैं, इसलिए हमारा मानना है कि सोना एक पसंदीदा एसेट बना रहेगा। हम मीडियम से लॉन्ग पीरियड के नजरिए से गिरावट पर खरीदारी की सलाह देते हैं।
खरीदारी में जोखिम
वहीं, वेंचुरा के कमोडिटीज प्रमुख एनएस रामास्वामी मौजूदा तेजी पर सोना खरीदने की सलाह नहीं देते। रामास्वामी का कहना है कि केवल कीमतों में करेक्शन पर ही अल्पावधि में खरीदारी के अवसर खुलेंगे। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें 3150 और 3080 डॉलर प्रति आउंस होने पर खरीदारी का मौका बन सकता है। हालांकि, इसके 6 से 8 महीने की अवधि में 3450 से 3550 डॉलर पर रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि गोल्ड प्राइस में तेजी अपने चरम पर है, इसलिए सोने में अधिक निवेश की सिफारिश नहीं की जा सकती। जैसे-जैसे सोना नई ऊंचाइयों को छूता है, संभावित अस्थिरता और अधिक गिरावट का जोखिम पैदा होता है।
इस बात का रखें ध्यान
कुछ दूसरे एक्सपर्ट्स का कहना है कि टॉप लेवल पर खरीदारी करना हमेशा जोखिम भरा होता है। यदि शॉर्ट टर्म में मुनाफा कमाना उद्देश्य है, तो गोल्ड की कीमतों में गिरावट का इंतजार करना अच्छा रहेगा। इसके उलट लॉन्ग टर्म के लिहाज से अभी कुछ निवेश किया जा सकता है और हर गिरावट पर सोना खरीदकर अपने खरीद मूल्य को कम करके अधिक प्रॉफिट कमाया जा सकता है। उनका मानना है कि फिलहाल माहौल गोल्ड प्राइस में तेजी का है और इसमें जल्द किसी बड़ी गिरावट की कोई संभावना दिखाई नहीं दे रही है।
यह भी पढ़ें – इन 2 बड़े बैंकों ने भी FD पर घटा दिया ब्याज, जानें आपको कितना हुआ नुकसान