कुछ दिनों की नरमी के बाद सोने की कीमतों ने फिर एक बड़ी छलांग लगाई है। 10 अप्रैल को सोने के दाम में करीब तीन हजार रुपये का उछाल दर्ज किया गया है। दरअसल, अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर तेज हो गई है, इस वजह से सोने की कीमतों में उछाल आया है। चीन ने जहां अमेरिकी आयात पर 84% टैरिफ लगाया है। वहीं, नाराज अमेरिका ने चीनी इम्पोर्ट पर टैरिफ बढ़ाकर 125% कर दिया है।
हाल में आई थी नरमी
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर स्पष्टता के बाद सोने में नरमी आई थी। पिछले कुछ दिनों से इसकी कीमत में गिरावट देखने को मिल रही थी। इस वजह से कहा जाने लगा था कि सोना अभी नरम रुख बनाए रखेगा, लेकिन गोल्ड ने ऐसे सभी अनुमानों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी उछाल दर्ज हुआ है।
चांदी के भी बढ़े दाम
गोल्ड के प्राइस की बात करें, तो गुडरिटर्न्स के अनुसार आज यानी 10 अप्रैल को 24 कैरेट वाला 10 ग्राम सोना 93,380 रुपये मिल रहा है। जबकि कल इसके दाम 90,440 रुपये चल रहे थे। इस तरह सोना एक ही दिन में 2,940 रुपये महंगा हो गया है। वहीं, चांदी की कीमत में भी तगड़ा उछाल आया है। एक किलो चांदी 4000 रुपये की बढ़त के साथ अब 97,000 रुपये पर मिल रही है।
अब आगे क्या?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम होने की फिलहाल कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है। ऐसे में सोने में निवेश बढ़ सकता है और उसके दाम ऊपर जा सकते हैं। उनके अनुसार, गोल्ड बीच में एक-दो डुबकी भी लगा सकता है, लेकिन लंबे समय तक उसमें नरमी बने रहने की अभी कोई संभावना नहीं है।
कैसे प्रभावित होती हैं कीमतें?
देश में सोने की कीमतें केवल मांग और आपूर्ति से ही प्रभावित नहीं होतीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली गतिविधियों का भी इन पर असर पड़ता है। लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट सहित प्रमुख वैश्विक बाजारों में होने वाली व्यापारिक गतिविधियों से भी सोने की कीमतें काफी हद तक प्रभावित होती हैं।
कौन तय करता है कीमत?
दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा Gold की कीमत तय की जाती है। वो US डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है, जो बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है। वहीं, अपने देश में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य टैक्स को जोड़कर यह निर्धारित करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा।
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