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Reuters Poll: रिकवरी मोड में GDP, तीसरी तिमाही में 6.3% रह सकती है अर्थव्यवस्था की रफ्तार

Indian Economy Recovery: हाल ही में आयोजित एक सर्वेक्षण में अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने अनुमान जताया कि वित्त-वर्ष 2024-25 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही (Q3) में देश की जीडीपी ग्रोथ 6.3 प्रतिशत रह सकती है।

Author Edited By : Neeraj Updated: Feb 25, 2025 12:27
GDP

India GDP Growth: भारत की अर्थव्यवस्था फिर से रफ्तार पकड़ रही है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त-वर्ष 2024-25 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 6.3% रह सकती है। ऐसा सरकारी व्यय में वृद्धि के कारण हुआ है, जिसने कमजोर घरेलू मांग को संतुलित करने में मदद की है। हालांकि, सर्वेक्षण में आगे अपेक्षाकृत मामूली वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।

ऐसे सुस्त हुई रफ्तार

रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल-जून 2024 में हुए आम चुनावों के कारण सरकार को बुनियादी ढांचा खर्च में कटौती करनी पड़ी, जिसने अर्थव्यवस्था की चाल को प्रभावित किया। जुलाई-सितंबर तिमाही में विकास दर घटकर 5.4% रह गई, जो पिछले वित्त वर्ष के 8.2 प्रतिशत औसत से काफी कम है। तब से अब तक विदेशी निवेशकों ने इक्विटी बाजार से अरबों डॉलर निकाल लिए हैं।

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निरंतर समर्थन जरूरी

हालांकि, 2024 की अंतिम तिमाही में सरकारी व्यय में डबल डिजिट की वृद्धि हुई, जिससे आर्थिक वृद्धि में सुधार आया। सर्वेक्षण में शामिल अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह वृद्धि मुख्य रूप से नीतिगत समर्थन पर आधारित है, न कि व्यापक आर्थिक मजबूती पर। लिहाजा, इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए सरकार का निरंतर समर्थन कितना जरूरी है।

53 अर्थशास्त्री हुए शामिल

रॉयटर्स द्वारा 17-24 फरवरी के बीच एक सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 53 अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया। इस सर्वेक्षण के अनुसार, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की GDP के (सकल घरेलू उत्पाद) दिसंबर तिमाही में सालाना 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो पिछली तिमाही में लगभग दो साल के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत से अधिक है। बता दें कि सरकार 28 फरवरी को अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के आंकड़े जारी करेगी।

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8% की रफ्तार कब?

ANZ रिसर्च के अर्थशास्त्री धीरज निम ने कहा कि GDP में संभावित वृद्धि का मुख्य कारण सरकारी खर्च में बढ़ोतरी है। हालांकि, खपत का GDP को मजबूती देने वाली स्थिति में आना अभी बाकी है। आमतौर पर फेस्टिवल सीजन में उपभोक्ता खर्च बढ़ता है, लेकिन इस बार यह अपेक्षाकृत धीमा रहा है। इस सवाल के जवाब में कि भारत की अर्थव्यवस्था फिर से 8 प्रतिशत या इससे अधिक रफ्तार से कब बढ़ेगी? धीरज निम ने कहा कि इसके लिए कृषि और श्रम बाजारों में बड़े सुधार करने होंगे, फिलहाल ऐसे सुधार होते दिखाई नहीं दे रहे। सर्वेक्षण के अनुसार, अगले दो वित्तीय वर्षों में विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

ज्यादा लाभ नहीं हुआ

एसटीसीआई प्राइमरी डीलर के मुख्य अर्थशास्त्री आदित्य व्यास ने कहा कि सरकार द्वारा कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का निवेश पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ा है, क्योंकि कंपनियों को अभी भी यह विश्वास नहीं है कि मांग में तेजी आएगी। इसलिए जब तक इन चुनौतियों का समाधान नहीं किया जाता, तब तक GDP में पिछली तिमाहियों जैसी तेज वृद्धि देखने को नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि केवल ग्रोथ रेट पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय यह देखना जरूरी है कि ऐसा किन कारणों से हो रहा है और कितने रोजगार सृजित हो रहे हैं।

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Edited By

Neeraj

First published on: Feb 25, 2025 12:22 PM

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