Seva Vikas Co-operative Bank fraud case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को 429 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में महाराष्ट्र के व्यवसायी सागर मारुति सूर्यवंशी को गिरफ्तार करने की बात कही है। गिरफ्तारी सेवा विकास सहकारी बैंक धोखाधड़ी मामले में चल रही जांच के सिलसिले में की गई, जिसमें बैंक को 124 गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) ऋण खातों में 429 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
इससे बैंक दिवालिया हो गया, जिससे हजारों छोटे जमाकर्ताओं को नुकसान हुआ। ईडी ने अमर मूलचंदानी (बैंक के पूर्व अध्यक्ष), इसके निदेशकों और अधिकारियों सहित ऋण बकाएदारों के खिलाफ पुणे में दर्ज कई एफआईआर के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
ED को जांच में क्या पता चला?
ED के एक अधिकारी ने कहा, ‘जांच से पता चला है कि अमर मूलचंदानी द्वारा किसी भी विवेकपूर्ण बैंकिंग मानदंडों का पालन किए बिना बैंक को एक परिवार के स्वामित्व की तरह चलाया जा रहा था। भारी रिश्वत के बदले में ऋण मंजूर किए गए। 92 प्रतिशत से अधिक ऋण खाते एनपीए में बदल गए थे, जो अंततः बैंक के पतन का कारण बना। आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है।’
ईडी ने पाया कि सूर्यवंशी और उनके रिश्तेदारों ने 10 एनपीए ऋण खातों में 60.67 करोड़ रुपये की राशि के लिए बैंक को धोखा दिया था। उन्होंने पर्याप्त साधन या चुकाने की क्षमता के बिना, अमर मूलचंदानी की मिलीभगत से ऋण प्राप्त किया।
गिरफ्तारी के बाद, उन्हें मुंबई में एक विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जिसने उन्हें 26 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले इस मामले में 122.35 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थाई तौर पर कुर्क की गई थी।