नई दिल्ली: व्हाट्सएप पर एक पत्र वायरल है, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) मौजूदा 34 प्रतिशत से बढ़ाकर 38 प्रतिशत कर दिया गया है। केंद्र ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि पत्र फर्जी है और कहा कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
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सरकार की नीतियों / योजनाओं पर गलत सूचना का भंडाफोड़ करने वाले केंद्र सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल PIB Fact Check ने कहा, ‘#WhatsApp पर चल रहा एक फर्जी आदेश जिसमें दावा किया गया है कि महंगाई भत्ते की अतिरिक्त किस्त 01.07.2022 से प्रभावी होगी। व्यय विभाग ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है।’
A #Fake order circulating on #WhatsApp is claiming that the additional instalment of Dearness Allowance will be effective from 01.07.2022#PIBFactCheck
---विज्ञापन---▶️Department of Expenditure has not issued any such order@FinMinIndia pic.twitter.com/UZBxDsZuol
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 25, 2022
‘फर्जी’ पत्र का दावा क्या था?
कहा गया, ‘राष्ट्रपति को यह निर्णय करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को देय महंगाई भत्ता 1 जुलाई, 2022 से मूल वेतन के मौजूदा 34% से बढ़ाकर 38% कर दिया जाएगा।’
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महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) क्या है?
महंगाई भत्ता वह जीवन-यापन समायोजन भत्ता है जो सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनभोगियों को भी देती है। वेतन का डीए घटक भारत और बांग्लादेश दोनों कर्मचारियों पर लागू होता है।
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