सोने की तरह चांदी की कीमतों में भी हाल के दिनों में नरमी आई है। गोल्ड को लेकर जहां एक्सपर्ट्स का मानना है कि डिमांड में कमी के चलते इसका भाव कुछ और कम हो सकता है। वहीं, चांदी को लेकर उनका नजरिया थोड़ा अलग है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, सिल्वर की कीमत में मौजूदा करेक्शन, एक बड़ी छलांग से पहले दो कदम पीछे हटने जैसा है।
शिफ्ट हो रहा फोकस
सोने की पहचान एक सुरक्षित निवेश के रूप में है। जबकि, चांदी अपनी दोहरी पहचान के लिए मशहूर है। निवेश के विकल्प के साथ-साथ उद्योगों में भी इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। चांदी का इंडस्ट्रियल यूज लगातार बढ़ रहा है, इसलिए विशेषज्ञों का फोकस अब चांदी पर शिफ्ट होने लगा है। चांदी की 50% से अधिक मांग औद्योगिक उपयोग से जुड़ी है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन और सेमीकंडक्टर शामिल हैं।
चांदी हॉटेस्ट इन्वेस्टमेंट
अमेरिकी बिजनेसमैन और प्रसिद्ध किताब रिच डैड पुअर डैड के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी (Robert Kiyosaki) ने हाल ही में चांदी को हॉटेस्ट इन्वेस्टमेंट करार दिया है। साथ ही उन्होंने भविष्यवाणी की है कि 2025 में चांदी की कीमत दोगुनी होकर 70 डॉलर प्रति औंस पहुंच सकती है। उनका कहना है कि चांदी, सोने या बिटकॉइन से अधिक मूल्यवान है। कियोसाकी के अनुसार, सोने और बिटकॉइन की आपूर्ति कम नहीं होगी, लेकिन चांदी की आपूर्ति कम हो रही है। इसलिए इसमें पैसा लगाना फायदेमंद रहेगा।
पहले से ज्यादा आकर्षक
दिग्गज इन्वेस्टर जिम रोजर्स का भी मानना है कि चांदी की कीमत तेजी से बढ़ेगी। रोजर्स ने कहा कि यदि उन्हें अगले 10 से 15 वर्षों के लिए कोई एसेट चुननी हो, तो वह चांदी होगी, क्योंकि इसमें तेजी से ऊपर जाने की क्षमता है। रोजर्स ने बताया कि चांदी अभी भी अपने उच्चतम स्तर से लगभग 40% नीचे कारोबार कर रही है, जिससे यह सोने की तुलना में अधिक आकर्षक खरीद बन गई है, जो पहले से ही रिकॉर्ड स्तर पर है। रॉबर्ट कियोसाकी की तरह जिम रोजर्स को भी विश्वास है कि चांदी अब पहले से ज्यादा शाइन कर सकती है।
अभी क्या है दाम?
भारत में चांदी की कीमत की बात करें, तो गुड रिटर्न्स के अनुसार यह 94,000 प्रति किलोग्राम चल रही है। जबकि पिछले शुक्रवार को यह 99,000 रुपये के भाव पर मिल रही थी। कुछ वक्त पहले सिल्वर ने एक लाख प्रति किलोग्राम का आंकड़ा पार किया था, ऐसे में मौजूदा गिरावट निवेश का एक अच्छा मौका हो सकता है। गौरतलब है कि चांदी का बड़े पैमाने पर इंडस्ट्री में इस्तेमाल होता है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक वाहन (EV), कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, डिफेंस सिस्टम, मेडिकल, क्लीन एनर्जी और जल शुद्धिकरण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में चांदी का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इस वजह से इसकी कीमतों में तेजी आ सकती है।