EPF Pension: उच्च भविष्य निधि पेंशन का दावा करने के लिए कर्मचारियों और नियोक्ताओं के संयुक्त विकल्प प्रस्तुत करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित समय सीमा 4 मार्च को समाप्त हो रही है, ऐसे में केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को एक पत्र भेजकर प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा है ताकि जो लोग उच्च वेतन के आधार पर उच्च पेंशन का दावा करना चाहते हैं वे विकल्प का लाभ उठा सकें।
मंत्रालय ने ईपीएफओ से 1 सितंबर, 2014 के बाद सेवानिवृत्त होने वालों और वर्तमान में कार्यरत कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के सदस्यों के लिए संयुक्त विकल्प जमा करने की प्रक्रिया को स्पष्ट करने को कहा है।
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क्या है मामला
TH के मुताबिक, श्रम मंत्रालय की तरफ से पत्र पिछले सप्ताह भेजा गया था। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि ईपीएफओ इस सप्ताह में प्रक्रियाओं के साथ एक परिपत्र जारी करेगा। मंत्रालय ने ईपीएफओ से 1 सितंबर 2014 से पहले और बाद में सेवानिवृत्त होने वाले और वर्तमान में काम कर रहे ईपीएस अंशधारकों के लिए प्रक्रियाओं के बारे में स्पष्ट रहने को कहा है।
संसद के बजट सत्र के दौरान भी दोनों सदनों में सर्कुलर जारी करने में देरी का मुद्दा उठाया गया था। सीपीआई (एम) के सांसद जॉन ब्रिटास ने हाल ही में केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए उनके हस्तक्षेप का आग्रह किया था।
विपक्षी सांसदों ने 1 सितंबर, 2014 से पहले सेवानिवृत्त हुए कई पेंशनभोगियों को ईपीएफओ के नोटिस पर सवाल उठाया था, जिसमें कहा गया था, ‘यदि वे ₹5,000 और ₹6,500 की सीमा से अधिक वेतन पर आधारित उच्च पेंशन प्राप्त करने के लिए ईपीएफओ को प्रस्तुत किए गए अपने संयुक्त विकल्पों का विवरण प्रस्तुत नहीं करते हैं तो उनकी पेंशन रोक दी जाएगी।’
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ईपीएफओ के एक हालिया सर्कुलर में उसके क्षेत्रीय कार्यालयों से कहा गया था कि अगर किसी को ईपीएस के पैराग्राफ 11(3) के तहत किसी विकल्प का प्रयोग किए बिना पेंशन प्राप्त हुई है तो वह पेंशन पात्रता को संशोधित करे और राशि की वसूली करे। बताया गया कि नया सर्कुलर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से संबंधित सभी मुद्दों को संबोधित करेगा।