---विज्ञापन---

बिजनेस

Reciprocal Tariff: किन देशों पर पड़ेगी सबसे ज्यादा मार, सामने आए नाम! क्या भारत है शामिल?

कल क्या होगा इसे लेकर पूरी दुनिया में बेचैनी है। कल यानी 2 अप्रैल से डोनाल्ड ट्रंप अपने टैरिफ का नया राउंड शुरू कर रहे हैं। जिन देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया जाना है, उसमें भारत का भी नाम शामिल है। रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होने के बाद अमेरिका इस मुद्दे पर संबंधित देशों से मोलभाव कर सकता है।

Author Edited By : Neeraj Updated: Apr 1, 2025 15:12

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहे हैं। दुनियाभर के देशों में इसे लेकर बेचैनी है कि उन्हें लेकर डोनाल्ड ट्रंप का रुख क्या होगा। भारत भी उन देशों की लिस्ट में शुमार है, जो इस टैरिफ की जद में आएंगे। भारत ने ट्रंप के टैरिफ से बचने के लिए पूर्व में कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन लगता नहीं कि डोनाल्ड ट्रंप उससे खुश हैं। ऐसे में कल भारत के लिए भी बड़ा दिन है।

फिर लिया भारत का नाम

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि रेसिप्रोकल टैरिफ में सभी देश शामिल होंगे, न कि सबसे बड़े व्यापार असंतुलन वाले 10 से 15 देश। इसका मतलब साफ है कि 2 अप्रैल को जो भी होगा, उसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। ट्रंप का मानना है कि समान शुल्क न होने के चलते पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका को भारी व्यापार घाटा हुआ है। नया शुल्क अमेरिकी अर्थव्यवस्था को अनुचित वैश्विक प्रतिस्पर्धा से बचाएगा और उसे पहले जैसा मजबूत बनाएगा। इस बीच, व्हाइट हाउस ने मंगलवार को एक बयान में भारत का जिक्र करके अमेरिका के इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।  व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट (Karoline Leavitt) ने कहा कि भारत, अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 100% शुल्क लगाता है।

---विज्ञापन---

इन देशों पर है नजर

सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप की राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक केविन हैसेट ने एक साक्षात्कार में कहा है कि अमेरिकी सरकार मुख्य रूप से ऐसे 10 से 15 देशों पर नजर रख रही है, जो अमेरिका के व्यापार घाटे में सबसे बड़ा योगदान दे रहे हैं। हालांकि हैसेट ने उन देशों के नाम नहीं बताए, लेकिन वाणिज्य विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 में अमेरिका का चीन के साथ व्यापार घाटा संभवतः सबसे अधिक है। उसके बाद यूरोपीय संघ, मैक्सिको, वियतनाम, आयरलैंड, जर्मनी, ताइवान, जापान, दक्षिण कोरिया, कनाडा, भारत, थाईलैंड, इटली, स्विट्जरलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, फ्रांस, ऑस्ट्रिया और स्वीडन का नंबर है। इस लिहाज से देखें तो इन देशों के सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका है।

बड़ी कटौती को तैयार भारत!

भारत लगातार इस मुद्दे पर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री इस मुद्दे को लेकर अमेरिका की यात्रा पर भी गए हैं। कुछ रिपोर्ट्स से पता चलता है कि भारत अमेरिकी आयातों पर 23 अरब डॉलर मूल्य के टैरिफ में कटौती करने के लिए भी तैयार है। ट्रंप भी ऐसी रिपोर्ट्स से परिचित हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि मैंने सुना है कि भारत अब अमेरिकी सामानों पर टैक्स कम करने जा रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि टैरिफ बढ़ाने के फैसले से कई देशों की नीतियों में सुधार आएगा।

---विज्ञापन---

इन कंपनियों को होगा नुकसान?

वहीं, एक रिपोर्ट में बताया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से भारत के फार्मा, कैमिकल, टेक्सटाइल एवं गारमेंट, ऑटो पार्ट्स, एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग व सोलर सेक्टर से जुड़ी कंपनियों को बड़ा नुकसान हो सकता है। फार्मा एक्सपोर्ट में भारत की स्थिति मजबूत है। भारत दुनिया में सबसे ज्यादा जेनरिक दवाओं का एक्सपोर्ट करने वाले देशों में शुमार है। अमेरिका फार्मास्युटिकल्स उत्पादों के आयात पर जीरो ड्यूटी लगाता है, जबकि भारत में अमेरिकी फार्मा आयात पर करीब 10% फीसदी ड्यूटी है। रेसिप्रोकल टैरिफ के हिसाब से अमेरिका भी 10% टैरिफ लगा सकता है।

यह भी पढ़ें – शेयर बाजार बनाम म्यूचुअल फंड: 2025 में कहां निवेश करना होगा फायदेमंद?

HISTORY

Edited By

Neeraj

First published on: Apr 01, 2025 03:10 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें