Dhirubhai Ambani birthday special: भारत के सबसे बड़े बिजनेस टाइकून में से एक धीरूभाई अंबानी का जन्म 28 दिसंबर 1932 में हुआ था। अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना की थी। 1977 में इंडस्ट्रीज सार्वजनिक हुई और 2002 में उनकी मृत्यु के वक्त कंपनी 2.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कीमत पर खड़ी थी। 2016 में, उन्हें मरणोपरांत व्यापार और उद्योग में उनके योगदान के लिए भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
धीरूभाई अंबानी की उद्यमशीलता की यात्रा तब शुरू हुई जब अदन (येमन का शहर) में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण उनका परिवार मुंबई आ गया। 1958 के आसपास भारत लौटने के बाद, उनका परिवार शुरू में तत्कालीन बॉम्बे के भुलेश्वर पड़ोस में एक चॉल में रहा।
प्रति माह सिर्फ 300 कमाएं, आपको पता है ये रोचक तथ्य?
- धीरूभाई अंबानी ने गुजरात में गिरनार पर्वत पर तीर्थयात्रियों को चाट-पकोड़ा बेचकर अपना पहला बिजनेस शुरू किया था।
- धीरूभाई अंबानी केवल 17 वर्ष के थे जब वे अदन के तत्कालीन ब्रिटिश कॉलोनी में चले गए, जहां उनके भाई काम कर रहे थे। उन्होंने A. Besse & Co. में एक क्लर्क के रूप में काम किया और प्रति माह सिर्फ 300 रुपये का वेतन पाया।
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- उनकी कंपनी का नाम जो पहले रखा गया वह बाद में बदला भी गया। पहले अंबानी ने अपनी कंपनी का नाम Reliance Commercial Corporation रखा फिर उसका नाम बदलकर Reliance Textiles Pvt. लिमिटेड और अंत में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड किया।
- धीरूभाई अंबानी ने 1977 में रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना की। रिलायंस कमर्शियल कॉरपोरेशन का पहला कार्यालय मस्जिद बंदर में नरसीनाथ स्ट्रीट में बनाया गया। यह एक 350 वर्ग फुट (33 वर्ग मीटर) का कमरा था जिसमें एक टेलीफोन, एक मेज और तीन कुर्सियां थीं।
- उनके नेतृत्व में, रिलायंस इंडस्ट्रीज पहली भारतीय निजी स्वामित्व वाली कंपनी बन गई, जिसे अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों जैसे एसएंडपी, मूडीज आदि द्वारा रेटिंग दी गई।
- धीरूभाई अंबानी को केमटेक फाउंडेशन और केमिकल इंजीनियरिंग वर्ल्ड द्वारा मैन ऑफ द सेंचुरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 2001 में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए कॉर्पोरेट उत्कृष्टता के लिए द इकोनॉमिक टाइम्स पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
- धीरूभाई अंबानी व्हार्टन स्कूल डीन का पदक, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय प्राप्त करने वाले पहले भारतीय बने। उन्हें एशिया वीक पत्रिका द्वारा ‘पॉवर 50 – द मोस्ट पावरफुल पीपल इन एशिया’ सूची में भी जगह दी गई।
धीरूभाई अंबानी की 6 जुलाई, 2002 को मृत्यु हो गई। 24 जून 2002 को अंबानी की तबीयत खराब हुई तो उन्हें फिर मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया। तब उन्हें दूसरा स्ट्रोक आया था, पहला स्ट्रोक फरवरी 1986 में आया था और उनके दाहिने हाथ को लकवा मार गया था। वह एक सप्ताह से अधिक समय से कोमा में थे।