Charges For Searching On Google: आज का जमाना डिजिटल हो चुका है। हमारे दिन की शुरुआत फोन और उसमें इस्तेमाल होने वाले ऐप्स से होती है। ऐसे में Google बड़ी तैयारी में लगा हुआ है। कंपनी ने अब तक सर्च सर्विस को मुफ्त रखा है लेकिन अब इसपर चार्ज लगाया जा सकता है।
कंपनी ‘प्रीमियम’ फीचर्स पर चार्ज लगाने पर विचार कर रही है। ये ‘प्रीमियम’ फीचर्स जनरेटिव AI से आने वाले रिजल्ट्स होंगे। कुछ समय पहले ही कंपनी द्वारा गूगल सर्च के साथ जनरेटिव AI का स्नैपशॉट फीचर एक्सपेरिमेंटल लॉन्च किया गया था। इस फीचर की मदद से AI यूजर्स को सर्च किए गए टॉपिक के बारे में सर्च रिजल्ट्स से ऊपर की जानकारी दिखाता है।
ऐसे में, AI सर्च किए गए टॉपिक की एक समरी यूजर्स को दिखाता है। हालांकि, अब कंपनी इसमें बदलाव करना चाहती है। फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। अगर Google ऐसा कुछ करता है, तो यह पहला मौका होगा जब कंपनी अपने सर्च इंजन पर पेमेंट या चार्ज लगाएगी।
🚨Big news! Google plans to charge for Gemini AI-powered search engine. 🤯
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— TechBoss (@TechBossIndia) April 4, 2024
ChatGPT आने के बाद कंपनी को डर
इस फीचर से कंपनी की बड़ी कमाई तो होती है लेकिन ChatGPT के आने के बाद से कंपनी को अपने बिजनेस पर एक डर नजर आया। Google उन ऑप्शंस को ढूंढ रहा है, जिनसे AI फीचर्स को प्रीमियम सब्सक्रिप्शन के साथ जोड़ा जा सके। कंपनी द्वारा Gemini AI असिस्टेंट का फीचर पहले से ही Gmail और डॉक्स के साथ दिया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इंजीनियर्स इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं लेकिन कंपनी एक्जीक्यूटिव्स अभी तक इस पर आखिरी फैसला नहीं ले पाए। हालांकि, कंपनी का ट्रेडिशनल सर्च इंजन पहले की तरह ही फ्री रहेगा। Google सब्सक्राइबर्स को भी ऐड दिखाने पर प्लान कर रही है।
आपको बता दें कि Google ने सर्च और सर्च से जुड़े ऐड्स की मदद से पिछले साल 175 अरब डॉलर कमाए हैं। यह कंपनी की टोटल कमाई का आधे से ज्यादा हिस्सा है।
क्यों चुनिंदा लोगों को ही देना चाहते हैं ऑफर?
ChatGPT कई सारे सवालों के सटीक और तेजी से जवाब देता है। ऐसे में लोग गूगल पर सर्च करना बंद कर सकते हैं, जिसका डर कंपनी को सता रहा है। Google ने पिछले साल मई में AI पावर्ड सर्च इंजन पर काम करना शुरू किया था। ब्रांड इस फीचर को मेन सर्च इंजन पर जोड़ना नहीं चाहता। इस तरह के सर्च रिजल्ट देने में गूगल के काफी ज्यादा रिसोर्स खर्च होंगे। ट्रेडिशनल तरीके के मुकाबले जनरेटिव AI रिस्पॉन्स में गूगल से ज्यादा कंप्यूटर रिसोर्स लगेंगे। यही कारण है कि कंपनी इसे चुनिंदा यूजर्स को ही ऑफर करना चाहती है।