IDBI Bank Privatization: केंद्र सरकार ने IDBI बैंक को निजी हाथों में सौंपने का इरादा छोड़ा नहीं है। बैंक के विनिवेश को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सरकार ने IDBI बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया तेज कर दी है और जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी भी हो सकती है। हालांकि, अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
क्या है सरकार का लक्ष्य?
सीएनबीसी टीवी18 ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि केंद्र ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (H1FY26) में IDBI बैंक के विनिवेश को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। जल्द ही इस संबंध में बोलियां आमंत्रित की जाएंगी। इस खबर के सामने आने के बाद बैंक के शेयर में उछाल देखने को मिला है। IDBI बैंक का शेयर इस समय 74 रुपये के भाव पर उपलब्ध है।
किसकी, कितनी हिस्सेदारी?
केंद्र सरकार के पास आईडीबीआई बैंक में 45.48% हिस्सेदारी है। जबकि देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC)भी इसमें 49.24% हिस्सेदारी रखती है। वहीं, 5.28% हिस्सेदारी पब्लिक शेयर होल्डर्स के पास है। योजना के अनुसार, सरकार बैंक में कुल 60.7% हिस्सेदारी बेच सकती है। इसमें सरकार की 30.5% और LIC की 30.2% हिस्सेदारी शामिल है। IDBI के विनिवेश की प्रक्रिया अक्टूबर 2022 में शुरू हो गई थी, लेकिन बीच में यह प्रक्रिया कई बार लटकती रही।
पहले आई थी ये खबर
IDBI बैंक के विनिवेश को लेकर लगातार खबरें सामने आती रही हैं। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव से इस पर लगभग खामोशी थी, लेकिन अब कहा जा रहा है कि बैंक को निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया जल्द पूरी हो सकती है। अगस्त 2024 में कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि IDBI बैंक के लिए बोली लगाने वाली तीन कंपनियों में से फेयरफैक्स इंडिया होल्डिंग्स ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मुश्किल शर्तों को पूरा कर लिया है। यानी वह इसे खरीदने की दौड़ में सबसे आगे है। फेयरफैक्स भारतीय मूल के कनाडाई अरब पति प्रेम वत्स की कंपनी है। ये कंपनी अब तक कई इंश्योरेंस कंपनियों का अधिग्रहण कर चुकी है।