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एक बहस ने खड़ी कर दी OLA कंपनी, पढ़िए भाविश अग्रवाल की सक्सेस स्टोरी

OLA ने आज भारत में धूम मचाई हुई है। EV मार्केट में भी कंपनी का अपना दबदबा है। आपको बताते हैं कंपनी के मालिक भाविश अग्रवाल की सक्सेस स्टोरी के बारे में।

Edited By : Shubham Upadhyay | Updated: Nov 17, 2023 20:13
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Photo Credit: Google

OLA Founder Bhavish Aggarwal Success Story: सुबह घर से ऑफिस जाना है लेकिन बारिश हो रही है तो कैसे जाएं,  तुरंत दिमाग में आइडिया आता है कि ओला बुक करते हैं। उसके बाद ओला का ऐप खोलते हैं और अपनी राइड बुक कर देते हैं। फॉरेन गाड़ी घर पर आ जाती है और बैठकर अपने ऑफिस पहुंच जाते हैं। सब कुछ बहुत आसान लगता है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि आज ओला इतनी बड़ी कंपनी अचानक तो नहीं बनी, इसके बनने के पीछे की क्या कहानी है? कितना संघर्ष है? कंपनी के मालिक भाविश अग्रवाल ने क्या वो सब कुछ किया तब जाकर आज OLA भारत का 60 फ़ीसदी कैब मार्केट अपने नाम कर पाई। चलिए आज आपको उस सफलता की कहानी के बारे में बताते हैं, जो भावेश अग्रवाल ने अपनी जिंदगी में जी है।

आईआईटी के रहे हैं स्टूडेंट

भाविश अग्रवाल आईआईटी स्टूडेंट रहे हैं। उन्होंने बीटेक किया है। साल 2010 की बात है जब वह अपने किसी काम से कैब में जा रहे थे, तो कैब वाले ने उनसे ज्यादा किराया लेने की डिमांड की। भाविश और उस कैब ड्राइवर के बीच में काफी बहस-बाजी हुई। लेकिन इस बात को भाविश अग्रवाल यहां नहीं भूले, उन्होंने सोचा कि जब मुझे यह दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है तो भारत में ऐसे करोड़ों ग्राहक होंगे, जो इस समस्या से हर दिन जूझते होंगे। क्यों ना अपनी एक कैब कंपनी खड़ी की जाए।

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यह आइडिया उन्होंने अपने दोस्त अंकित भाटी को बताया, साथ में घर वालों को भी इसकी जानकारी दी। घर वालों ने कहा कि आप एक आईआईटी स्टूडेंट रहे हैं और इस तरीके का छोटा बिजनेस करेंगे, यह ठीक नहीं है। लेकिन भाविश ने कुछ और ही अपने दिमाग में सेट कर रखा था। बिजनेस तो ठीक है, ये छोटा शब्द उसके दिमाग में कभी आया ही नहीं । साल 2010 की बात है भावेश अग्रवाल ने अपने दोस्त अंकित भाटी के साथ मिलकर कंपनी को बनाया।

फंडिग की कभी नहीं रही समस्या

आइडिया था, साथ था, अब बस जरूरत थी पैसे की। भाविश ने अपना आइडिया इन्वेस्टर्स को सुनना शुरू किया और देखते ही देखते 26 राउंड में भावेश को 32 हजार करोड़ रुपए का निवेशकों से लोन मिल गया। जिसमें शार्क टैंक के अनुपम मित्तल भी शामिल थे। आइडिया जबरदस्त था तो फंडिंग में कभी कोई दिक्कत हुई ही नहीं।

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ऐप के आते ही मच गया धमाल

सारा मामला सेट था, फंडिग भी आ चुकी थी। उसके बाद भाविश ने अपने दोस्त के साथ मिलकर ऐप को लांच किया। देखते ही देखते इस ऐप को 6 महीने में लाखों लोगों ने डाउनलोड किया और आज कंपनी भारत का 60 फ़ीसदी कैब कारोबार पर कब्जा किए हुए हैं। यह तो कहानी अभी अधूरी है, इसके बाद शुरू होता है इलेक्ट्रिक व्हीकल यानी EV का खेल।

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EV में भी बना दिए रिकॉर्ड्स

भाविश ने फ्यूचर को देखते हुए अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल में स्कूटर को बाजार में लॉन्च किया। उससे पहले उसकी प्री बुकिंग कराई थी, जिसमें ताबड़तोड़ बुकिंग ओला कंपनी को मिली। बुकिंग इतनी ज्यादा थी कि कंपनी के EV स्कूटर के लिए 6 से 7 महीने का वेट करना पड़ रहा था।

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Written By

Shubham Upadhyay

First published on: Nov 17, 2023 08:08 PM

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