नई दिल्ली: डिजिटल के लिए लोगों का झुकाव लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं, साइबर अपराधियों ने अपने काम करने के तरीके को बदल दिया है। वे अब आपको अपने जाल में फंसाने से पहले आपकी ऑनलाइन उपस्थिति को ट्रैक और मॉनिटर करते हैं। इनके जाल में फंसने पर आपको अपनी गाढ़ी कमाई का नुकसान हो सकता है। साइबर क्रिमिनल अब विदेश में रहने वाले रिश्तेदार बनकर अपने निशाने पर आ रहे हैं।
बहुत से भारतीय या तो अपनी नौकरी या शिक्षा के लिए विदेशों में रह रहे हैं और साइबर अपराधी अब इसका फायदा उठा रहे हैं। पंजाब और हरियाणा के लोग अधिक विदेशों में हैं और लोग अक्सर फेसबुक जैसे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसका खुलासा गर्व से करते हैं।
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साइबर अपराधी इसी का ही फायदा उठाते हैं। साइबर अपराधी विदेश गए लोगों के परिवार से जुड़े लोगों की जानकारी जुटाते हैं और उन्हें ठगने का प्रयास करने लगते हैं। जब परिवार के किसी सदस्य को किसी विदेशी नंबर से कॉल आती है और कुछ वित्तीय जरूरतों के बारे में पता चलता है, तो वे तुरंत उन्हें दिए गए नंबर पर पैसे ट्रांसफर कर देते हैं और इस तरह स्कैमर्स की साजिश में फंस जाते हैं।
ऑस्ट्रेलियाई दोस्त की झूठी फेसबुक आई डी बना कर ठग़े अम्बाला निवासी सर्वजीत सिंह से
मेडिकल इमरजेंसी के नाम पर 36 हज़ार रू.शिकायत की 1930 पर तो
पुलिस ने खाता फ्रीज़ कर लौटवाये 25 हज़ार रू.पैसे के लेन दें के समय रखें ध्यान। #becyberalert
…@police_haryana @rajendarmeena pic.twitter.com/OpytabjOyT— War Against Drugs & Cybercrime (@DrugsAndCyber) September 27, 2022
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ऐसे ही एक मामले का खुलासा हरियाणा पुलिस ने किया है। पुलिस के मुताबिक, स्कैमर्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से जुड़कर अपने शिकार को ढूंढते हैं और फिर योजनाबद्ध तरीके से अपराध को अंजाम देने के लिए जानकारी इकट्ठा करते हैं।
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