भारतीय शेयर बाजार दबाव से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, इसके पहले वाली तेजी हासिल की संभावना तभी जीवित होगी जब विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) बिकवाली के बजाए खरीदारी पर जोर देंगे। पहले माना जा रहा था कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका की सत्ता में वापसी से चीन और यूएस के रिश्ते और खराब होंगे, जिसकी वजह से विदेशी निवेशकों की भारत से पैसा निकालकर चीन में लगाने की आदत पर लगाम लगेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, अब तस्वीर बदल सकती है।
10 साल पहले वाली गिरावट?
बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) सिक्योरिटीज ने चाइनीज स्टॉक मार्केट में बड़ी गिरावट की चेतावनी दी है। हांग सेंग चाइना एंटरप्राइज इंडेक्स (HSCEI) और MSCI चाइना इंडेक्स इस साल अब तक अच्छी-खासी बढ़त हासिल कर चुके हैं। HSCEI के लिए बढ़त 26.50% रही है। BofA का कहना है कि चीनी बाजार में करेक्शन की आशंका बनी हुई है। मार्केट 10 साल पहले वाली गिरावट का सामना कर सकता है। यदि BofA की यह आशंका सही साबित होती है, तो विदेशी निवेशक भारत की तरफ वापस लौट सकते हैं।
हाई वैल्यूएशन की चिंता खत्म
भारतीय बाजार पटरी पर लौट रहा है। उसने पांच महीने की गिरावट से पहले निवेशकों को बंपर मुनाफा कमाकर दिया था। मौजूदा करेक्शन से हाई वैल्यूएशन की चिंता भी काफी हद तक कम हो गई है। इस स्थिति में चीनी बाजार का कमजोर होना FIIs को वापस भारत ला सकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर विश्वास कायम है और इसके तेजी से आगे बढ़ने की संभावना लगातार बनी हुई है। लिहाजा, जैसे ही विदेशी निवेशकों को यह अहसास होने लगेगा कि चीन में उनका निवेश मुश्किल में पड़ सकता है, वह भारत पर प्यार लुटाना शुरू कर देंगे।
इस वजह से गिरावट संभव
BofA का कहना है कि चीन में आर्थिक असंतुलन और पॉलिसी बदलाव 2015 की तरह दिख रहा है। रोजगार में सुधार की कमी और महंगाई से निवेशकों में घबराहट बढ़ सकती है। साल 2015 में भी बाजार इसी तरह चढ़ा था, लेकिन बाद में उसमें करीब 50% की गिरावट आई थी। चीन का SSE Composite Index और SZSE Component Index भी इस साल अब तक 5 से 8 प्रतिशत की बढ़त हासिल कर चुके हैं। चीन का बाजार विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक बना हुआ है। वह भारत में बिकवाली करके चीन में खरीदारी कर रहे हैं।
जोखिमों को ध्यान में रखें
BofA के एनालिस्ट ने चेतावनी देते हुए कहा है कि चीनी स्टॉक्स में निवेश करने से पहले संभावित जोखिमों को ध्यान में रखना जरूरी है। बता दें कि पिछले पांच महीनों से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में बिकवाली कर रहे हैं। लगभग हर रोज उनके पैसा निकालने की खबर सामने आ जाती है। इतिहास गवाह है कि जब-जब विदेशी निवेशकों का हमारे मार्केट से मोह भांग हुआ है, बाजार बड़ी गिरावट से गुजरा है। इसके उलट जब वह खरीदारी करते हैं, तो बाजार रॉकेट बन जाता है। ऐसे में चीनी मार्केट को लेकर डरानी वाली चेतावनी उन्हें फिर से भारत की तरफ ला सकती है।