Bootstrapping For Business : बिजनेस के लिए जब फंड की बात आती है तो पहली नजर खुद की जेब पर जाती है। अगर जेब में पैसा न हो तो बैंक से लोन या कोई दूसरा उपाय खोजना पड़ता है। कई बार लोन आसानी से मिल भी जाता है। परेशानी तब आती है जब बिजनेस किसी कारण से फेल हो जाए और जिनसे उधार लिया था, उन्हें चुकाने के लिए पैसे जेब में न हों या बैंक से कोई लोन लिया है तो उसे भी चुकाने की स्थिति में न हों। इसलिए एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर आप कोई बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं तो उसके लिए फंड की व्यवस्था Bootstrapping के जरिए करें।
क्या है Bootstrapping
किसी भी इन्वेस्टर या बैंक लोन की मदद लिए बिना खुद की रकम लगाकर स्टार्टअप शुरू करना बूटस्ट्रैपिंग (Bootstrapping) कहलाता है। इसमें कई बार पैरंट्स या उन रिश्तेदार की मदद ले लेते हैं जिसे रकम लौटानी नहीं होती। अगर स्टार्टअप शुरू करना है तो उसके प्री-सीड स्टेज के लिए Bootstrapping अच्छा विकल्प होता है।
ये हैं Bootstrapping के फायदे
- आप कंपनी के मालिक होते हैं और कंपनी पर आपका पूरा कंट्रोल रहता है। आप अपने हिसाब से काम कर सकते हैं।
- बिजनेस में आप कई एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं। अगर कोई एक्सपेरिमेंट फेल हो जाए तो चिंता की बात नहीं होती।
- अगर किसी कारण से बिजनेस फेल हो जाता है तो इस बात की चिंता नहीं रहती कि किसी को रकम लौटानी होगी।
- बिना किसी इन्वेस्टर की मदद से जब आपका बिजनेस सफल हो जाता है तो यह अपने आप में एक प्राइज मिलने वाला जैसा होता है।
- इस बात की चिंता नहीं रहती कि बिजनेस पर फोकस सिर्फ और सिर्फ पैसा कमाने पर होगा। कई बार शुरुआत में बिजनेस पर फोकस उसे जमाने के लिए भी होता है।
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ये हैं Bootstrapping के नुकसान
- अपनी जमापूंजी बिजनेस में लगाना जोखिम भरा भी होता है। अगर बिजनेस सफल नहीं हुआ तो जमा पूंजी डूब जाती है और फिर कर्जे में पड़ सकते हैं।
- कई बार जमा पूंजी स्टार्टअप को शुरू करने में ही खर्च हो जाती है। अगर बिजनेस का विस्तार करना हो तो रकम न होने से वह नहीं हो पाता है। ऐसे में लोन लेना या किसी से पैसा उधार मांगना पड़ सकता है।
- बिजनेस के अवसर सीमित रहते हैं। कई बार बिजनेस अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पाते।
- बिजनेस में खर्च सीमित हो जाते हैं। कई बार छोटी-छोटी जरूरत के लिए भी रकम सोच-समझकर खर्च करनी पड़ती है।