नया वित्तीय वर्ष न केवल नए सपनों और योजनाओं की शुरुआत लाता है बल्कि कुछ बड़े बदलाव भी साथ लाता है जो आपकी बचत निवेश और टैक्स पर असर डाल सकते हैं। इस बार सरकार और SEBI ने कई अहम फैसले लिए हैं जो आम करदाताओं, निवेशकों और सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। अगर आप अपने पैसे की सुरक्षा और सही निवेश चाहते हैं तो इन बदलावों को समझना बहुत जरूरी है। चाहे नया टैक्स स्लैब हो म्यूचुअल फंड के नए नियम हों या पेंशन स्कीम में बदलाव हर कोई इससे प्रभावित होगा।
अप्रैल 2025 से बदलेंगे कई वित्तीय नियम
अप्रैल 2025 से नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही कई बड़े बदलाव लागू होंगे जो टैक्स भरने वालों और निवेशकों को सीधे प्रभावित करेंगे। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कुछ नए नियम बनाए हैं जो निवेश को ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए लाए गए हैं। इसके अलावा सरकार ने टैक्स से जुड़े कुछ बदलाव भी किए हैं जिससे आम लोगों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
New Income Tax Slabs & Rates (FY 2025-26)
Annual Income Range (₹) | Tax Rate |
---|---|
0 – 4,00,000 | Nil |
4,00,001 – 8,00,000 | 5% |
8,00,001 – 12,00,000 | 10% |
12,00,001 – 16,00,000 | 15% |
16,00,001 – 20,00,000 | 20% |
20,00,001 – 24,00,000 | 25% |
Above 24,00,000 | 30% |
Old Income Tax Slabs & Rates (FY 2025-26)
Annual Income Range (₹) | Tax Rate |
---|---|
Up to 2,50,000 | Nil |
2,50,001 – 5,00,000 | 5% |
5,00,001 – 10,00,000 | 20% |
Above 10,00,000 | 30% |
नए फंड ऑफर (NFO) के लिए सख्त नियम
SEBI ने नए फंड ऑफर (NFO) से जुड़े नियम सख्त कर दिए हैं। अब एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) को यह ध्यान रखना होगा कि वे यूनिट आवंटन की तारीख से 30 कार्य दिवसों के अंदर जुटाई गई पूंजी का निवेश करें। अगर ऐसा नहीं हो पाता, तो निवेश समिति की मंजूरी से उन्हें 30 दिन का और समय मिल सकता है। लेकिन अगर इस अतिरिक्त समय में भी फंड का निवेश नहीं किया जाता, तो नए निवेशकों के लिए निवेश बंद कर दिया जाएगा और मौजूदा निवेशकों को बिना किसी पेनल्टी के अपने पैसे निकालने की सुविधा दी जाएगी। इन बदलावों का मकसद म्यूचुअल फंड उद्योग में बेहतर फंड प्रबंधन और ज्यादा पारदर्शिता लाना है।
स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF) और डिजीलॉकर सुविधा
SEBI ने निवेशकों के लिए एक नया फंड विकल्प ‘स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड’ (SIF) शुरू किया है। यह म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) का मिला-जुला रूप है, जिसमें निवेश करने के लिए कम से कम 10 लाख रुपये की जरूरत होगी। यह सुविधा केवल उन्हीं एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) को मिलेगी, जिनका औसत प्रबंधित संपत्ति (AUM) पिछले तीन सालों में ₹10,000 करोड़ या उससे ज्यादा रहा हो। इसके अलावा, निवेशकों की सुविधा के लिए डिजीलॉकर को उनके डीमैट और म्यूचुअल फंड खातों से जोड़ा जाएगा। इससे उनके निवेश से जुड़े दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे और जरूरत पड़ने पर नामांकित व्यक्ति भी इन्हें आसानी से देख सकेंगे।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) से सरकारी कर्मचारियों को राहत
अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) शुरू होगी। यह योजना उन कर्मचारियों के लिए है जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत काम कर रहे हैं। इस योजना के तहत जिन कर्मचारियों ने 25 साल या उससे ज्यादा सेवा की है उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद उनकी आखिरी 12 महीनों की औसत मूल सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। इससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और अपने भविष्य की चिंता कम करनी पड़ेगी।
टैक्स और क्रेडिट कार्ड से जुड़े बदलाव
नए वित्तीय वर्ष से इनकम टैक्स के नियम बदल जाएंगे। 2025-26 के केंद्रीय बजट के मुताबिक नए टैक्स सिस्टम में कर मुक्त आय की सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख कर दी गई है। इससे खासकर मध्यम वर्ग के लोगों को फायदा होगा और उनकी बचत बढ़ेगी। सरकार ने टैक्स फाइलिंग को और आसान और डिजिटल बनाने के लिए नई तकनीकें भी अपनाई हैं जिससे लोग बिना परेशानी के अपना रिटर्न भर सकें। इसके अलावा कुछ क्रेडिट कार्ड कंपनियां भी अपने रिवार्ड पॉइंट सिस्टम में बदलाव कर रही हैं। SBI कार्ड ने SimplyCLICK और एयर इंडिया SBI प्लेटिनम कार्ड के रिवार्ड पॉइंट्स में बदलाव किया है। वहीं Vistara और Air India के विलय के बाद एक्सिस बैंक ने अपने Vistara क्रेडिट कार्ड के कुछ खास फायदे हटा दिए हैं। ये सारे बदलाव ग्राहकों की जरूरतों और बाजार के हिसाब से किए गए हैं।