India’s Electronics Manufacturing Success: जब से Apple जैसी ग्लोबल कंपनियों ने भारत को चीन पर तवज्जो देना शुरू किया है, पड़ोसी कम्युनिस्ट सरकार चिंता में डूब गई है। अब चीन, भारत की मैन्युफैक्चरिंग सक्सेस को प्रभावित करने की कोशिशों में लगा है। हाल के वर्षों में भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में तेजी से तरक्की की है। इसके बावजूद इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के उत्पादन में इस्तेमाल होने वालीं हाई-टेक मशीनरी अभी भी आसानी से यहां उपलब्ध नहीं है, इस मामले में वह चीन पर निर्भर है और चीन इसी का फायदा उठा रहा है।
इन सेक्टर्स को दिक्कत
चीन इन मशीनों को भारत भेजने में आनाकानी कर रहा है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) जैसे चीन पर भारी निर्भरता वाले क्षेत्रों को उच्च तकनीक वाली मशीन सहित कैपिटल इक्विपमेंट प्राप्त करने में गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि चीन ने आपूर्ति लगभग रोक दी है।
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लागत में होगा इजाफा
विशेषज्ञों का कहना है कि बीजिंग के इस कदम का उद्देश्य भारत में Apple आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन, EV निर्माता BYD और लेनोवो जैसी कंपनियों के मैन्युफैक्चरिंग एक्सपेंशन को रोकना है। इससे न केवल भारत में इन निर्माताओं की लागत बढ़ेगी, बल्कि विस्तार की योजनाएं भी प्रभावित होंगी।
मुश्किल में फॉक्सकॉन
टेक मीडिया आउटलेट ‘रेस्ट ऑफ वर्ल्ड’ के अनुसार, ताइवान की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सकॉन को चीन के चलते भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह कंपनी Apple के लिए आईफोन तैयार करती है। पहले यह पूरी तरह चीन पर केंद्रित थी, लेकिन कुछ साले पहले फॉक्सकॉन ने अपना फोकस भारत पर शिफ्ट कर लिया। चीनी सरकार की कोशिश इसके कामकाज को प्रभावित करके भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में बाधा डालने की है।
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भारत जाने से रोका
चीन इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए आवश्यक इक्विपमेंट और वर्कफोर्स को भारत जाने से रोक रहा है। मौजूदा वक्त में भारत के पास ऐसे उपकरण बनाने की तकनीक नहीं है, जिसके चलते मैन्युफैक्चरिंग प्रभावित हो सकती है। ‘रेस्ट ऑफ वर्ल्ड’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि फॉक्सकॉन के चीनी कर्मचारियों को भारत जाना था, लेकिन आखिरी वक्त पर उनसे यात्रा रद्द करने को कहा गया। जिन कर्मचारियों ने वीजा और टिकट हासिल कर लिए थे, उन्हें भी यात्रा से रोक दिया गया। इतना ही नहीं, वर्तमान में भारत में मौजूद कुछ चीनी कर्मचारियों को भी वापस लौटने को कहा गया है।
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भारत में हैं 2 प्लांट
फॉक्सकॉन ने 2019 में पुराने आईफोन मॉडलों का उत्पादन चीन से अपने तमिलनाडु प्लांट में शिफ्ट कर दिया था। तमिलनाडु और कर्नाटक में इसके दो प्लांट हैं, जहां हजारों कर्मचारी काम करते हैं। कंपनी भारत में नए आईफोन मॉडलों का उत्पादन करने के लिए भी तैयार है। बता दें कि साल 2024 में Apple ने भारत में 1 लाख करोड़ iPhone एक्सपोर्ट के आंकड़े को पार कर लिया है। इससे आईफोन शिपमेंट बढ़कर 12.8 अरब डॉलर हो गया है। आईफोन उत्पादन में इजाफे में प्रोडक्शन लिंक्ड इनिशिएटिव यानी PLI स्कीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
परेशान कर रहे आंकड़े
भारत से आ रहे ये आंकड़े चीन को परेशान कर रहे हैं और इसलिए वह इसमें बाधा उत्पन्न करने की साजिश रच रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर बीजिंग इसी तरह से अड़ंगे डालता रहा, तो भारत में इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के उत्पादन की रफ्तार धीमी हो सकती है। बता दें कि चीन और अमेरिका के बीच तनाव के मद्देनजर Apple जैसी कंपनियां चीन+1 की नीति पर तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
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