पिछले कुछ वक्त से अमेरिकी टेक दिग्गज एप्पल भारत में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। वहीं, अब ऐसा कहा जा रहा है कि एप्पल, विप्रो एंटरप्राइजेज और लक्ष्मी मशीन वर्क्स (LMW) को अपने सप्लायर के रूप में शामिल करने की तैयारी कर रहा है। इकोनॉमिक टाइम्स (ET) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक एप्पल पहले से ही कई भारतीय कंपनियों के साथ काम कर रहा है और अब इन दो नई कंपनियों को भी अपनी सप्लाई चेन का हिस्सा बनाने की तैयारी में है।
कंपनी क्यों कर रही समझौता?
हाल ही में इस घटनाक्रम से जुड़े एक सोर्स ने ईटी को बताया है कि एप्पल विप्रो एंटरप्राइजेज के साथ बातचीत कर रहा है, जबकि लक्ष्मी मशीन वर्क्स के साथ अभी शुरुआती दौर की चर्चाएं हो रही हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि एप्पल इन कंपनियों के साथ फोन के पार्ट्स और अन्य कंपोनेंट्स की सप्लाई को लेकर समझौता करना चाहता है। इससे उसकी सप्लाई चैन स्टेबल और मजबूत होगी।
इंडियन सप्लायर्स पर एप्पल का फोकस
एप्पल पहले ही टाटा ग्रुप, मदरसन ग्रुप, एक्वस और भारत फोर्ज जैसी भारतीय कंपनियों के साथ पार्टनरशिप कर चुका है या करने की तैयारी में है। इन भारतीय कंपनियों के साथ एप्पल की यह पार्टनरशिप यह दिखाती है कि कंपनी देश में अपनी अपीयरेंस को और बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
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कोआन एडवाइजरी ग्रुप के सीनियर एसोसिएट ध्रुव शेखर के अनुसार विप्रो एंटरप्राइजेज और लक्ष्मी मशीन वर्क्स जैसे लोकल सप्लायर्स के साथ पार्टनरशिप करके, एप्पल लॉजिस्टिक जोखिम को कम करना, ऑपरेटिंग कॉस्ट और अपनी सप्लाई चेन को ज्यादा फ्लेक्सिबल बनाना चाहता है।
Manufacturing Sector को होगा फायदा
भारत सरकार इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के लिए इंसेंटिव स्कीम भी लाने पर विचार कर रही है, जिससे एप्पल को अपने लोकल नेटवर्क को और मजबूत करने का मौका मिलेगा। इससे न सिर्फ कंपनी की लागत कम होगी, बल्कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स Manufacturing Sector को भी काफी फायदा होगा।