Adani Group : बॉम्बे हाई कोर्ट से अडानी ग्रुप को बड़ी राहत मिली। HC ने सोमवार को पॉवर कॉन्ट्रैक्ट के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी और याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाया। अदालत ने कहा कि यह याचिका ‘निराधार और लापरवाहीपूर्ण’ है। आपको बता दें कि हाई कोर्ट में रिन्यूएबल और थर्मल पावर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा अडानी ग्रुप को दिए गए कॉन्ट्रैक्ट को चुनौती दी गई थी।
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता श्रीराज नागेश्वर एपुरवार के खिलाफ 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। अदालत ने कहा कि उनकी याचिका अस्पष्ट है। एपुरवार ने आरोप लगाया कि 6,600 मेगावाट रिन्यूएबल और थर्मल बिजली की आपूर्ति के लिए अडानी समूह को दिया गया अनुबंध याचिकाकर्ता के उचित दर पर उचित बिजली आपूर्ति तक पहुंच के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। याचिका में पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर अडानी समूह को अनुबंध देते समय भ्रष्ट आचरण में शामिल होने का आरोप लगाया गया। हालांकि, इस वक्त शिंदे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं
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याचिका में आरोप निराधार
हालांकि, पीठ ने दलीलों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि उनकी राय में निराधार और लापरवाह कथनों वाली ऐसी याचिकाएं दायर करने से कभी-कभी अच्छे कारणों के भी खत्म होने का जोखिम रहता है। उन्होंने कहा कि याचिका में अस्पष्ट और निराधार दावे किए गए हैं कि अडानी ग्रुप को दिया गया कॉन्ट्रैक्ट सरकारी अधिकारियों से जुड़ा एक घोटाला था।
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HC ने खारिज की याचिका
हाई कोर्ट ने कहा कि याचिका में यह दिखाने के लिए कोई सपोर्टिंग मैटेरियल नहीं है कि पूर्व मुख्यमंत्री (शिंदे) किसी भी भ्रष्ट आचरण में शामिल थे। अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इसमें बेबुनियाद और अस्पष्ट आरोप हैं। इस दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता को महाराष्ट्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में 50,000 रुपये की लागत जमा करने का निर्देश दिया।