8th Pay Commission Update for Railway Employees: 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद भारतीय रेलवे कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. लिहाजा, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद रेलवे के खर्च में काफी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. इसे देखते हुए, रेलवे ने अपने फाइनेंस को मजबूत करने के लिए कई खर्च कम करने और बचत के उपाय शुरू कर दिए हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे कथित तौर पर 8वें वेतन आयोग से होने वाले बढ़े हुए वेतन खर्चों से निपटने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है. इसके लिए रखरखाव, खरीद और ऊर्जा क्षेत्रों में कॉस्ट कटिंग के उपाय लागू कर रहा है.
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रिपोर्ट आने में अभी 18 महीने का वक्त
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाले कमीशन की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है. कमीशन की सिफारिशों में रक्षा सेवाओं के कर्मचारियों सहित लगभग 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगी शामिल होंगे. कमीशन 18 महीनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा और जब भी अंतरिम रिपोर्ट फाइनल होंगी, उन्हें भी जमा करेगा.
बता दें कि सातवें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में किया गया था. इसकी सिफारिशों को 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था. आमतौर पर, पे कमीशन की सिफारिशों को हर 10 साल के गैप के बाद लागू किया जाता है. इस ट्रेंड के हिसाब से, 8वें सेंट्रल पे कमीशन की सिफारिशों का असर 1 जनवरी 2026 से होने की उम्मीद है.
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रेलवे की तैयार
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन रेलवे ने वित्त वर्ष 2024-25 में 98.90% का ऑपरेटिंग रेश्यो (OR) दर्ज किया, जिससे 1341.31 करोड़ रुपये का नेट रेवेन्यू हुआ. वहीं 2025-26 के लिए, टारगेट OR कथित तौर पर 98.42% है, जिसमें 3041.31 करोड़ रुपये के नेट रेवेन्यू की उम्मीद है.
इस बीच इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC), अपने सालाना पेमेंट और खर्चों में कटौती करने की कोशिश भी कर रहा है. उनका कहना है कि बढ़ते खर्चों को मैनेज करने के लिए एक बड़ा प्लान पहले से ही चल रहा है. फोकस इंटरनल रिसोर्स, ऑपरेशनल एफिशिएंसी और फ्रेट रेवेन्यू बढ़ाने पर है. रिपोर्ट के अनुसार रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि जब 2027-28 में ज्यादा सैलरी देनी होगी, तो सालाना फ्रेट कमाई भी 15000 करोड़ रुपये बढ़ जाएगी. रेलवे यह सुनिश्चित करेगा कि उसकी फाइनेंसियल स्थिति अच्छी रहे ताकि वह इस बोझ को उठा सके, फंड की कोई दिक्कत नहीं होगी.
हालांकि कर्मचारी यूनियनों की मांगें रेलवे के लिए चुनौतियां खड़ी कर सकती हैं. 7वें वेतन आयोग ने 2.57 फिटमेंट फैक्टर लागू किया था, जबकि यूनियन अब 2.86 फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं. अगर यह मांग मान ली जाती है, तो सैलरी पर होने वाला खर्च 22 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ सकता है.










