8th Pay Commission Salary Hike: सरकार ने कुछ समय पहले ही 8वें वेतन आयोग की घोषणा की है, जिसको लेकर काफी चर्चा हो रही है। जैसा कि हम जानते हैं कि भारत में हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग तैयार किया जाता है, जिससे सेंट्रल गवर्नमेंट के कर्मचारियों और पेंशनर्स का भविष्य तय होता है। फिलहाल भारत में 7वां वेतन आयोग लागू गया है, जिसे 2016 में एनडीए सरकार ने लागू किया था। भारत में लगभग 1 करोड़ लोग सेंट्रल गवर्नमेंट के कर्मचारी या पेंशनर्स हैं। ऐसे में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी मिलने से सरकारी कर्मचारियों की उम्मीद बढ़ी है। आइए जानते हैं कि इससे तहत इन कर्मचारियों को क्या फायदा हो सकता है।
8वें वेतन आयोग को मिली मंजूरी
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी। एक्सपर्ट ने बताया कि इस पर काम अप्रैल 2025 में शुरू होगा और जनवरी 2026 से इसे लागू किया जा सकता है। ऐसे में इसके तहत कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करती है।
- राष्ट्रीय परिषद-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के कर्मचारी पक्ष के नेता एम. राघवैया ने कहा कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 2 रखा जा सकता है, जिससे 100% वेतन बढ़ोतरी होगी।
- हालांकि, पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग के अनुसार फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.08 तक हो सकता है। वहीं, शिव गोपाल मिश्रा ने सुझाव दिया कि फिटमेंट फैक्टर 2.86 से कम नहीं होना चाहिए। ऐसे में सैलरी बढ़ोतरी को लेकर अलग-अलग अनुमान लगाया जा रहा है।
कितनी बढ़ सकती है सैलरी?
जैसा कि हम देख पा रहे हैं कि एक्सपर्ट 8वें वेतन आयोग को लेकर अलग-अलग फिटमेंट फैक्टर बता रहे हैं। ऐसे में सैलरी में बदलाव आम बात है। इसलिए हम यहां बताए गए हर फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से बेसिक सैलरी और पेंशन की एक लिस्ट शेयर कर रहे हैं।
फिटमेंट फैक्टर | न्यूनतम मूल वेतन (रु.) | न्यूनतम मूल पेंशन (रु.) |
1.92 | 34,560 | 17,280 |
2 | 36,000 | 18,000 |
2.08 | 37,440 | 18,720 |
2.86 | 51,480 | 25,740 |
8वें वेतन आयोग की टाइमलाइन
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्त मंत्रालय के व्यय सचिव मनोज गोविल ने बताया कि अप्रैल 2025 से 8वें वेतन आयोग का काम शुरू होगा। वहीं, शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि 8वें वेतन आयोग का गठन 15 फरवरी 2025 तक हो सकता है और 30 नवंबर तक इसकी अंतिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इसके बाद सरकार दिसंबर 2025 में समीक्षा करेगी, और जनवरी 2026 से इसे लागू किया जा सकता है।
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