7th Pay Commission: लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स के लिए बहुत ही अच्छी खबर है। सब कुछ ठीक रहा तो इन लोगों का 18 महीने के बकाए डीए एरियर का इंतजार जल्द खत्म हो सकता है। खबरों के मुताबिक अगर सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की बात मान लेती है तो जल्द ही (अगस्त) उनके खाते में एक साथ 2.18 लाख रुपए तक आ सकते हैं। दरअसल केंद्रीय कर्मचारी जनवरी 2020 से जून 2021 तक का रोके गए डीए देने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं।
गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी की वजह से मई 2020 में DA बढ़ोतरी को 30 जून 2021 तक के लिए रोक दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय, डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग और व्यय विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त सलाहकार तंत्र (JCM) की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती। ऐसे में खबरें आ रही है कि सरकार कर्मचारियों को डीए एरियर के तौर पर 2.18 लाख रुपये तक एक साथ दे सकती है। हालांकि डीए एरियर कर्मचारियों के लेवल पर निर्भर करता है।
दरअसल कर्मचारी और पेंशनर्स संगठन लगातार सरकार से इस एरियर को दिए जाने की मांग कर रही है। इन लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है कि वेतन और अलाउंस कर्मचारी का हक है। ऐसे में कर्मचारियों को 18 महीने के एरियर का लाभ भी मिलना चाहिए।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 1 जुलाई से बढ़कर 28 फीसदी किया गया था। इससे पहले उन्हें 17 फीसदी की दर से भुगतान हो रहा था। वहीं, अक्टूबर 2021 में इसे 3 फीसदी और बढ़ाकर 31 फीसदी किया गया। वहीं, मार्च 2022 में एक बार फिर महंगाई भत्ते में 3 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है।
एक मोटे अनुमान के मुताबिक लेवल-1 के कर्मचारियों का DA बकाया 11,880 रुपये से लेकर 37,554 रुपये तक है। लेवल-13 (7वें सीपीसी मूल वेतनमान 1,23,100 रुपये से लेकर 2,15,900 रुपये) या लेवल-14 (वेतनमान) पर कर्मचारियों पर 1,44,200 रुपये से 2,18,200 रुपये का डीए बनता है। एरियर की राशि अलग-अलग ग्रेड के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग होगी।
दरअसल सरकारी कर्मचारियों और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दिया जाता है। सरकारी कर्मचारियों के रहन-सहन को बेहतर करने के लिए DA दिया जाता है। यह सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिया जाता है। इसे देने की वजह यह है कि बढ़ती महंगाई में भी कर्मचारियों का रहन-सहन का स्तर बेहतर बना रहे।