Advantage of Tubeless Tyres: आजकल लगभग सभी गाड़ियों में ट्यूबलेस टायर्स आने लगे हैं जबकि कुछ ऐसे भी मॉडल हैं जिन्हें ट्यूब वाले टायर्स ही मिलते हैं। वैसे कुछ सालों पहले तक ट्यूबलेस टायर्स के बारे में लोगों को जानकारी भी नहीं थी। ट्यूब वाले टायर्स की तुलना में ट्यूबलेस टायर्स कहीं ज्यादा बेहतर होते हैं। तो अगर आप भी गाड़ी में अभी तक ट्यूब वाले टायर्स का इस्तेमाल करते हैं तो यहां हम आपको ट्यूबलेस टायर्स की खूबियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
जानें ट्यूबलेस टायर्स के बारे में
ट्यूबलेस टायर्स को बिना ट्यूब वाले टायर्स भी कहा जाता है, क्योंकि टायर्स के अन्दर कोई ट्यूब नही होती। इसलिए इन्हें इनका वजन भी हल्का होता है। इसमें वाल्व रिम से ही जुड़ा रहता है। इनमें हवा धीरे-धीरे भारी जाती है। पंक्चर होने की कंडीशन में इनमें हवा धीरे-धीरे निकलती है। सेफ्टी के लिए ये बेहतर रहते हैं।
मिलती है बेहतर माइलेज
ट्यूब वाले टायर्स की तुलना में ट्यूबलेस टायर्स हल्के होते हैं जिनकी वजह से राइड क्वालिटी बेहतर बनती है और माइलेज भी अच्छी रहती है। इतना ही नहीं ट्यूबलेस टायर्स जल्दी गर्म भी नहीं होते। पंक्चर के बाद ट्यूबलेस टायर्स को रिपेयर करवाना बहुत ही आसान होता है और ये काम आप खुद भी कर सकते हैं।
पंक्चर हो जाए तो टेंशन नहीं
ट्यूब वाले टायर्स जब पंक्चर होते हैं तब गाड़ी का बैलेंस एक दम बिगड़ जाता है जिसकी वजह से दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। जबकि ट्यूबलेस टायर्स के पंक्चर होने पर गाड़ी का बैलेंस बिगड़ता नहीं है क्योंकि हवा धीरे-धीरे बहार आती है और काफी देर बाद इसका पता चलता है। ऐसे में गाड़ी नियंत्रण में रहती है।
इन बातों का रखें ध्यान
- टायर्स में सही एयर प्रेशर रखें, हफ्ते में तीन बार एयर प्रेशर चेक करें।
- गाड़ी को खराब रास्तों पर गाड़ी चलाने से बचें।
- अपनी गाड़ी को हमेशा किसी साफ-सुथरी जगह पर ही पार्क करें।
- हमेशा ओरिजिनल टायर्स ही खरीदें।
- सस्ते के चक्कर में लोकल टायर तो बिलकुल न लगवाएं।
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