Petrol: पेट्रोल पंप पर अकसर हमें नॉर्मल, पावर या स्पीड अलग-अलग तरह के पेट्रोल मिलते हैं। कभी आपने सोचा है कि कौन सा पेट्रोल आपके व्हीकल के लिए बेस्ट है? इन अलग-अलग पेट्रोल का आपकी गाड़ी पर क्या असर पड़ता है? इसके अलावा कई बाइक या कार पर ऑक्टाइन नंबर लिखा रहता है। दरअसल, ऑक्टाइन पेट्रोल में होता है, जितना अधिक ऑक्टाइन का नंबर होगा उतनी ही बेहतर उस फ्यूल की परफॉमेंस होगी।
तीन तरह के पेट्रोल आते हैं
बाजार में तीन तरह के नॉर्मल पेट्रोल, प्रीमियम पेट्रोल और हाई ऑक्टेन पेट्रोल मिलते हैं। इन तीनों पेट्रोल का अपनी गाड़ी पर डिफरेंट असर पड़ता है। हाई ऑक्टेन पेट्रोल में ऑक्टाइन का लेवल 90 से ऊपर होता है। यह 94 तक जाता है, इसे सबसे अच्छा पेट्रोल माना जाता है। इससे इंजन लंबे समय तक चलाने में मदद मिलती है। इसकी क्वालिटी अन्य के मुकाबले अधिक साफ होती है, जिससे इंजन की ड्यूरेबिलिटी बढ़ती है। नॉर्मल और प्रीमियम पेट्रोल भी खराब नहीं होते लेकिन इनमें ऑक्टेन लेवल हाई ऑक्टेन के मुकाबले कुछ कम होता है।
अलग-अलग पेट्रोल में क्या अंतर
जानकारी के अनुसार नॉर्मल पेट्रोल में ऑक्टाइन का लेवल 85 या इससे अधिक होता है। इसके अलावा प्रीमियम पेट्रोल में ऑक्टाइन की संख्या 88 या 90 के बीच होती है। यहां आपको बता दें कि प्रीमियम पेट्रोल को ही हाई पावर, पावर, स्पीड या एक्स्ट्रा माइल के नाम से जाना जाता है। पंप पर इसके लिए अलग-अलग मशीनें लगी रहती हैं।
किस पेट्रोल से होता है फायदा
हाई क्वालिटी पेट्रोल से इंजन चलते हुए आवाज कम करेगा। इससे इंजन पर दबाव कम पड़ता है जिससे पार्ट्स कम घिसते हैं। टर्बों या हाई हाई कम्प्रेशन गाड़ियों में हाई ऑक्टाइन पेट्रोल यूज करना चाहिए। इससे सर्विस कॉस्ट कंट्रोल या कम रखने में मदद मिलेगी। बता दें हाई ऑक्टाइन पेट्रोल से माइलेज भी इम्प्रूव होती है। बाजार में अब इलेक्ट्रिक कारों का क्रेज है। इससे पहले सीएनजी गाड़ियां पहले ही आ चुकी हैं। सरकार फ्लेक्स फ्यूल और एथेनॉल फ्यूल को भी बढ़ावा दे रही है।