Volkswagen self driving car: फॉक्सवैगन ने कार मार्केट में बड़ा धमाका किया है। वह अब जल्द ही सेल्फ-ड्राइविंग कार लेकर आने वाला है। इसके लिए उसने Mobileye कंपनी से हाथ मिलाया है। यह कंपनी की इलेक्ट्रिक सेल्फ ड्राइविंग कार होगी।
इस कार की टेस्टिंग शुरू
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जुलाई के अंत में इस कार की टेस्टिंग शुरू होगी। पहले यह कार ग्लोबल मार्केट में लॉन्च होगी। फिलहाल कंपनी ने इसके इंडिया में लॉन्च करने और कीमत के बारे में और कुछ नहीं बताया है। इस धाकड़ कार में सेफ्टी के लिए एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंट सिस्टम (ADAS) दिया जाएगा।
खुद ही किसी खतरे को भांप लेती है
ADAS से कार सड़क पर चलते समय खुद ही किसी खतरे, वाहन, वस्तु या व्यक्ति की मौजूदगी को भांप लेती है। इसके बाद ये ड्राइवर को अलर्ट करती है, जिससे हादसों को टालने में मदद मिलती है। यह टेक्नोलॉजी रडार, कैमरा, सेंसर्स पर काम करती है।
पहले आ सकते हैं कॉमर्शियल वाहन
फॉक्सवैगन ने एक मीडिया बयान में कहा कि वह साल 2026 तक ऑस्टिन, टेक्सास में राइड-हेलिंग और गुड्स डिलीवरी सर्विस के लिए ऑटोनोमस या सेल्फ-ड्राइविंग वाहन लॉन्च करने की योजना बना रही है। कंपनी के अनुसार अस्टिन में सुरक्षा ड्राइवरों के साथ Mobileye के ऑटोनोमस ड्राइविंग प्लेटफॉर्म के साथ रेट्रोफिटेड इलेक्ट्रिक वाहनों की टेस्टिंग की जाएगी। कंपनी के अनुसार वह पहले कॉमर्शियल वाहनों को इस नई तकनीक के साथ लाएंगे।
सेल्फ ड्राइविंग कार कैसे काम करती है और इसके फायदे
सेल्फ ड्राइविंग कार सड़कों पर नेविगेट करने के लिए ऑटोमैटिक सेफ्टी फीचर्स और टेक्नालॉजी पर निर्भर करती है। यह कार कैमरे, सेंसर रडार, जीपीएस, सॉफ्टवेयर, सड़क की स्थिति आदि को बेस बनाकर गाड़ी को सड़क पर चलने में मदद करती है। ऐसी कारों में ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन, इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता नियंत्रण, आगे टक्कर चेतावनी, लेन डिपार्चर वार्निंग, ऑटोमैटिक ब्रेकिंग सिस्टम,लेन सेंट्रिंग एसिस्ट, पैदल यात्री और पीछे स्वचालित आपातकालीन ब्रेकिंग आदि सेफ्टी फीचर्स होते हैं।