Tyre care tips winter details in hindi: सर्दियों में हमें अपनी सेहत का अधिक ध्यान रखना पड़ता है वरना हमारे बीमार होने का खतरा रहता है। इसी तरह ठंड के मौसम में हमें अपनी कार, बाइक और अन्य वाहनों के टायरों का ध्यान रखना चाहिए। दरअसल, टायर ही वह पहला पुर्जा है जो ग्राउंड में टच होता है। अगर टायर पुराने हो गए हों, घिस गए हों तो रोड एक्सीडेंट होने का खतरा बना रहता है।
50000 km चलते हैं टायर
जानकारों के अनुसार खासकर धुंध में हमें अपने टायरों की जांच करके घर से निकलना चाहिए। अगर चलाते हुए किसी भी एक तरफ कार भाग रही हो तो हो सकता है उस तरफ के टायर में बारीक पंचर या उसमें हवा कम हो। कई बार car alignment सही नहीं होने पर भी ऐसा होता है। अमूमन नए टायर 50 हजार किलोमीटर तक चलते हैं। इसके अलावा आपके ड्राइव करने के स्टाइल पर भी यह डिपेंड करता है कि वाहन के टायर कितनी जल्दी खराब होंगे। वाहन के लंबे समय तक खड़े रहने और उसके नहीं चलने की सूरत में टायरों में दरारें आ जाती हैं, जो चलते हुए खतरनाक हो सकती हैं।
कोहरे में फिसलने का खतरा अधिक
कोहरे में जब सड़क गीली हो तो हमेशा मानकों के अनुसार गति में ही वाहन चलाएं। हमेशा अपनी लेन में वाहन चलाएं। जल्दी-जल्दी रेस बढ़ाने या ओवरटेक करने से बचना चाहिए। कार में हवा का प्रेशर सही रखें। हवा कम होने से सड़क पर गर्म होकर टायर फटने का खतरा रहता है।
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उस नंबर के टायर खरीदें जो कंपनी ने आपके वाहन में दिए हों
कई बार ऑनलाइन सस्ते टायर या ऑफर दिए जाते हैं, हमेशा कंपनी के टायर खरीदें। कई बार पुराने टायरों को रिपेयर कर ऑनलाइन सस्ते दामों पर बेचा जाता है। टायर में हवा सही होने से वाहन की माइलेज इम्प्रूव होती है। घिसे हुए टायर होने, हवा कम होने पर चलते हुए व्हीकल के इंजन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। जिससे माइलेज कम होती है और इंजन के अन्य पार्ट्स भी खराब होने का डर रहता है। इसके अलावा हमेशा उसी नंबर के टायर खरीदें जो कंपनी ने आपके वाहन में दिए हों। टायरों के साइज चेंज करने से बॉडी वेट और माइलेज बिगड़ जाती है।
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