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Hybrid गाड़ी लेने के ये 5 नुकसान, लेने से पहले पढ़ लें ये खबर…वरना पड़ सकता है पछताना

बाजार में माइल्ड हाइब्रिड और स्ट्रांग हाइब्रिड दो तरह की हाइब्रिड गाड़ियां आती हैं। माइल्ड में स्ट्रांग हाइब्रिड के मुकाबले कम क्षमता की बैटरी होती है। ये गाड़ियां पेट्रोल और बैटरी दोनों पर चलती हैं।

Edited By : Amit Kasana | Updated: Jul 14, 2024 13:16
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Hybrid Cars

Hybrid cars pro and con details in hindi: हाइब्रिड गाड़ियां कार मार्केट का नया क्रेज हैं, यही वजह है कि हर कार निर्माता कंपनी इस सेगमेंट में अपनी कार लेकर आ रही है। लेकिन इन गाड़ियों को लेने के कुछ नुकसान भी हैं। जहां ये हाइब्रिड कार पेट्रोल की खपत को कम करने, रनिंग कॉस्ट और पॉल्यूशन को घटाती हैं, वहीं, इनकी महंगी बैटरी और मेंटेनेंस आपकी जेब ज्यादा ढीली कर सकती है।

Hybrid car में आती है  इलेक्ट्रिक मोटर 

पहले तो आप ये समझिए की ये हाइब्रिड कारें काम कैसे करती हैं? दरअसल, बाजार में माइल्ड हाइब्रिड और स्ट्रांग हाइब्रिड दो तरह की हाइब्रिड गाड़ियां आती हैं। माइल्ड में स्ट्रांग हाइब्रिड के मुकाबले कम क्षमता की बैटरी होती है और ये इलेक्ट्रिक पर उससे कम किलोमीटर तक चलती है। यहां बता दें कि हाइब्रिड कार में एक इलेक्ट्रिक मोटर इंजन के साथ लगी हुई होती है। इन गाड़ियों में इस मोटर को एक बैटरी के साथ जोड़ा जाता है।

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हाइब्रिड कार में कैसे चार्ज होती है बैटरी? 

हाइब्रिड कार में लगी बैटरी इंजन के स्टार्ट होने पर अपने आप चार्ज होने लग जाती है। दरअसल, कार ऑन होने के बाद तो पेट्रोल पर चलती है, फिर ऑटोमैटिक रूप से कुछ किलोमीटर के लिए इलेक्ट्रिक पर शिफ्ट हो जाती है। जिससे कार की रनिंग कॉस्ट कम पड़ती है और पेट्रोल की खपत भी कम होती है। हाइब्रिड सिस्टम केवल पेट्रोल इंजन में आता है, सीएनजी और डीजल इंजन में हाइब्रिड का फिलहाल ऑप्शन नहीं है।

हाइब्रिड कार लेने के ये हैं नुकसान

महंगी बैटरी: कार में आने वाली बैटरी 5 से 8 साल तक चलती हैं। इनकी मैक्सिमम 1 से 1.50 लाख किलोमीटर की लाइफ होती है। ऐसे में इन्हें बदलने पर अधिक खर्च आता है। बाजार में बैटरी की कीमत उसकी कैपेसिटी के हिसाब से होती है। मार्केट में बैटरी 5 हजार रुपये से से शुरू हो जाती हैं।

कीमत अधिक: हाइब्रिड कार की कीमत सामान्य पेट्रोल कार की कीमत से अधिक होती है। इन गाड़ियों की कीमत पेट्रोल कार से 50 हजार से लेकर 1 लाख तक अधिक होती है।

 

 

मेंटेनेंस पर खर्च अधिक: हाइब्रिड कार की मेंटेनेंस कॉस्ट नॉर्मल पेट्रोल इंजन की कार से अधिक होती है। हाइब्रिड कार में एडिशन पावर जनरेट होने के चलते इसके इंजन और पार्ट्स पर भी अधिक दबाव पड़ता है।

ईवी पर कम ड्राइविंग रेंज: हाइब्रिड कार इलेक्ट्रिक पर केवल उतने ही किलोमीटर चलती है जितनी उसमें बैटरी क्षमता होती है। फिलहाल माइल्ड हाइब्रिड कार 10 से 15 किलोमीटर और स्ट्रांग हाइब्रिड कार 20 से 25 किलोमीटर (मैक्सिमम) तक ड्राइविंग रेंज देती हैं।

इंश्योरेंस अधिक: हाइब्रिड गाड़ियों में नॉर्मल पेट्रोल के मुकाबले इंश्योरेंस का भुगतान ज्यादा करना पड़ता है। इसके अलावा इन गाड़ियों की बैटरी में आग लगने, जल्दी खराब होने का खतरा अधिक रहता है।

ये भी पढ़ें: Hybrid Car कैसे करती है काम? Maruti Swift समेत हाइब्रिड में आने वाली हैं ये 5 गाड़ियां

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Edited By

Amit Kasana

First published on: Jul 14, 2024 01:16 PM

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