Car Tank Full: अकसर हम सैलरी आते ही या पैसे होने पर कार की टंकी फुल करवा लेते हैं। लेकिन फ्यूल कैपेसिटी अधिक होने पर इससे कार को नुकसान पहुंचता है। पहले तो यह जान लें कि अकसर कार कंपनियों द्वारा जितनी फ्यूल कैपेसिटी बताई जाती है वह उससने 15 से 20 फीसदी कम होती है।
पेट्रोल वॉल्यूम के लिए जगह नहीं बचती
जानकारी के मुताबिक फ्यूल टैंक पूरी भर जाने पर उसमें पेट्रोल वॉल्यूम के लिए जगह नहीं बचती है। दरअसल, पेट्रोल एक वोलेटाइल ऑर्गेनिक कम्पाउंड होता है। ज्यादा गर्म होने पर इसकी वॉल्यूम थोड़ी बढ़ती है। वॉल्यूम बढ़ने पर फ्यूल टैंक में प्रेशर बढ़ता है। इसके अलावा कार के ढलान या अधिक झटके लेने पर इसके लीक होने का खतरा बना जाता है।
भाप के लिए जगह होनी चाहिए
कार के फ्यूल टैंक में हमेशा भाप के लिए जगह होनी चाहिए। फ्यूल के गर्म होने पर भाप बनती है। अगर फ्यूल टैंक में भाप के लिए जगह ही नहीं होगी, तो इंजन की परफॉर्मेंस पर असर पड़ेगा। इससे ना सिर्फ आपकी गाड़ी की परफॉर्मेंस कम होती है, बल्कि जरूरत से ज्यादा हाइड्रोकार्बन पॉल्यूशन भी पैदा होगा। जिससे कार के कार्बन फिल्टर समेत अन्य पार्ट्स पर असर पड़ता है।
पेंट भी खराब होने लगता है
पेट्रोल लीक होने की सूरत में टंकी के आसपास छोटी से चिंगारी भी जानलेवा साबित हो सकती है। टंकी के आसपास लगातार पेट्रोल या डीजल के गिरने से उस जगह पर से पेंट खराब होने लगता है। फ्यूल भरवाते हुए हमें पूरी टंकी फुल नहीं करवानी चाहिए।