Shri Ram Incarnation of Lord Vishnu: राजा दशरथ और रानी कौशल्या के बड़े पुत्र श्रीराम को भगवान विष्णु का अवतार कहा जाता है। सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले प्रभु श्रीराम में अपनी भरपूर आस्था रखते हैं। अपने धार्मिक पुस्तक और ग्रंथों का में ऐसा उल्लेख मिलता है कि प्रभु श्रीराम भगवान विष्णु के 7वें अवतार थे। ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं कि आखिर प्रभु श्रीराम को विष्णु का अवतार क्यों कहा जाता है और इनका सूर्यवंश से कैसा जुड़ाव है।
त्रेता युग में भगवान विष्णु ने लिया था दो अवतार
शास्त्रों में भगवान विष्णु के 10 अवतार बताए गए हैं। कहा जाता है कि भगवान श्रीराम विष्णु के अवतार थे। भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों में मछली, कछुआ, वराह, नरसिंह, वामन और परशुराम हैं। इसके अलावा श्रीकृष्ण , कल्कि और बुद्ध अवतार भी भगवान विष्णु के ही माने गए हैं। कहा जाता है कि प्रभु श्रीराम का जन्म त्रेता युग में हुआ था। मान्यता यह भी है कि भगवान श्रीराम मानव के रूप में पूजे जाने वाले पुराने देवताओं के रूप में हैं। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक त्रेता युग में भगवान राम के अलावा विष्णु देव ने वामन और परशुराम के रूप में अवतार लिया।
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इसलिए प्रभु श्रीराम को कहा जाता है भगवान विष्णु का अवतार
पैराणिक ग्रंथों और कथाओं के मुताबिक, प्रभु श्रीराम भगवान विष्णु के 7वें अवतार थे। इममें 12 कलाओं का समावेश था। सूर्यवंशी राजाओं में ऐसी परंपरा रही है। यही वजह थी कि 12 कलाओं के युक्त प्रभु श्रीराम भी सूर्यवंशी थे। मान्यता यह भी है कि प्रभु श्रीराम में सूर्य देव की समस्त कलाएं मौजूद थीं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।