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Vaibhav Laxmi Vrat: वैभव लक्ष्मी का व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा रखा जाता है। इस व्रत को बेहद शुभ और पुण्यदायी माना गया है। मान्यता है कि जो महिला इस व्रत को विधि-विधान से करते हैं, उनके घर में हमेशा सुख, संपन्नता बनी रहती है। इस व्रत को करने से मां लक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं कि वैभव लक्ष्मी व्रत के दौरान कौन-कौन सी 10 गलतियां नहीं करनी चाहिए।
वैभव लक्ष्मी व्रत के नियम
- वैभव लक्ष्मी व्रत की पूजा शाम में 4 बजे के बाद की जाती है। हर शुक्रवार को शाम के समय स्नान के पश्चात् शुद्ध और साफ वस्त्र पहनकर घर के पूजा घर में एक चौकी स्थापित करें। साथ ही उस पर लाल रंग के वस्त्र बिछाएं। पूजने के लिए आम और चंदन के लकड़ी की चौकी खास मानी गई है। इसके बाद पूरब दिशा की ओर मुख करके मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। साथ ही मां वैभव लक्ष्मी की प्रतिमा के समक्ष एक मुट्ठी चावल का ढेर लगाएं।
- अब मां लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने एक जल से भरा तांबे का कलश रखें। साथ ही कलश के ऊपर एक कटोरी में चांदी का सिक्का या सोने-चांदी का कोई आभूषण रख दें। अगर ये नहीं रख सकते हैं तो रुपये-पैसे भी रख सकते हैं। इसके बाद मां महालक्ष्मी के सामने एक घी का दीया जलाएं और विधि-विधान से पूजा करें। पूजन के दौरान मां वैभव लक्ष्मी को रोली, चावल, फल, मिठाई, घर में बनी खीर और लाल फूल अर्पित करें। गाय के दूध से बनी खीर मां वैभव लक्ष्मी की पूजा में शुभ मानी गई है।
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- इसके बाद मां लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। साथ ही वैभव लक्ष्मी की कथा पढ़ना शुरू करें और पूरे दिन व्रत रखें। इस व्रत में लक्ष्मी स्त्वन का पाठ करना उत्तम माना गया है। मां लक्ष्मी और श्री यंत्र की पूजा जरूर करें। आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए श्रीयंत्र की पूजा वैभव लक्ष्मी के व्रत के साथ बहुत शुभ फल देती है। वैभव लक्ष्मी के व्रत में अन्न का सेवन वर्जित है। ऐसे में व्रती महिलाओं को इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए। वहीं शाम की पूजा के बाद साबूदाने की खिचड़ी, कट्टू की मीठी पूड़ियां, कच्चा केला, सिंघाड़ा या सिंघाड़े का आटा, आलू खीरे, मूंगफली इत्यादि का सेवन किया जा सकता है। अगर व्रत करने वाले का स्वास्थ्य अच्छा नहीं है तो सिर्फ पूजा करें या दिन में दो बार व्रत वाला भोजन कर सकते हैं।
वैभव लक्ष्मी व्रत के नियम
1. जो लोग वैभव लक्ष्मी का व्रत रखते हैं, उन्हें किसी मनुष्य से अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। बल्कि उन्हें सिर्फ मां वैभव लक्ष्मी से अपेक्षा करनी चाहिए।
2. वैभव लक्ष्मी का व्रत करने वाले व्यक्ति को इस दौरान सात्विक जीवनशैली का पालन करना चाहिए। साथ ही अपने मन और शरीर को एकदम शांत रखना चाहिए।
3. वैभव लक्ष्मी की की पूजा के दौरान अपनी क्षमता के अनुसार, सोना-चांदी या पैसे रखकर व्रत और पूजन शुरू करना चाहिए।
4. वैभव लक्ष्मी व्रत में किसी भी प्रकार की खट्टी चीजें खाना वर्जित है। अगर मन में किसी प्रकार का दुख, क्लेश या तनाव है तो वैभव लक्ष्मी का व्रत ना करें।
5. घर में किसी ने अगर 7, 11, 21, 31, 51 या 101 शुक्रवार तक व्रत रखा है तो इस दौरान मांसाहार का सेवन ना करें।
6.वैभव लक्ष्मी की पूजा में सात्विर आहार लेने का प्रयास करना चाहिए।
7. श्रीयंत्र के बिना वैभव लक्ष्मी की पूजा अधूरी है। ऐसे में अगर आप श्रीयंत्र नहीं खरीद सकते हैं तो भोजपत्र पर लाल कलम से श्रीयंत्र बनाकर उसके पूजा स्थान पर जरूर रखें।
8. वैभव लक्ष्मी का व्रत करने वालों को अपने घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
9.वैभव लक्ष्मी का व्रत करने वालों को दिन से समय सोना नहीं चाहिए। अगर व्रती बुजुर्ग हों या उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो ऐसे में ये नियम अनिवार्य नहीं है।
10. वैभल लक्ष्मी व्रत को दौरान आलस्य का पूरी तरह से त्याग करना चाहिए। नहीं तो व्रत का संपूर्ण लाभ प्राप्त नहीं होता है।
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