Tulsi Puja Niyam Kharmas 2023: सनातन धर्म में तुलसी को पवित्र पौधा माना गया है। दरअसल तुलसी एक ऐसा पौधा है जो पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसी कारण तुलसी को घर में लगाया जाता है। तुलसी से जुड़ी परंपरा यह है कि सीता माता भी नियमित रूप से इसकी पूजा किया करती थीं। वैसे तो सनातन धर्म में तुलसी से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं, लेकिन खरमास में भी तुलसी से जुड़ी कुछ विशेष मान्यताओं का पालन करना अच्छा और शुभकारी माना गया है। पंचांग के अनुसार, 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो रहा है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि खरमास में तुलसी से जुड़ी किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
खरमास में तुलसी में जल देना चाहिए या नहीं?
16 दिसंबर से खरमास शुरू हो जाएगा। जिसका समापन 14 जनवरी 2024 को होगा। वैसे तो खरमास की अवधि में कई शुभ और मांगलिक कार्यों को करने की मनाही है, लेकिन आम लोगों के मन में ऐसी धारणा है कि खरमास के दौरान तुलसी में जल नहीं देना चाहिए। इस बारे में ज्योतिषाचार्य डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि यह पूरी तरह निराधार है। बल्कि इस दौरान तुलसी में जरूर जल देना चाहिए। क्योंकि खरमास के दौरान शरद ऋतु का आगमन हो जाता है। ऐसे में इस दौरान तुलसी का पौधा भी मुरझाने या सूखने लगता है। हलांकि खरमास के दौरान तुलसी में सिंदूर या कोई दूसरी पूजन सामग्री अर्पित नहीं करनी चाहिए।
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खरमास में तुलसी से जुड़े नियम
सनातन धर्म में तुलसी पूजा से जुड़े कई नियम बताए गए हैं। यहां तक कि कुछ विशेष दिनों में तुलसी को छूने की मनाही है। ऐसे में खरमास में पड़ने वाली एकादशी, रविवार और मंगलवार के दिन तुलसी की पत्तियां न तोड़ें, क्योंकि ऐसा करने से पाप लगता है। इसके अलावा इन दिनों में तुलसी में जल भी अर्पित न करें। मान्यतानुसार ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।










