Shani Sade Sati 2026: वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय और कर्म का फल देने वाला ग्रह माना गया है. मान्यता है कि जब शनि की साढेसाती चलती है, तब व्यक्ति को अपने कर्मों का फल प्रत्यक्ष रूप से देखने को मिलता है. वर्ष 2026 तक शनि मीन राशि में ही स्थित रहेंगे. इस कारण मेष, मीन और कुंभ राशि पर साढेसाती का प्रभाव बना हुआ है. हालांकि इन तीनों में से दो राशियों को आने वाले लगभग 18 महीने अधिक सावधानी रखनी होगी. आइए जानते हैं, ये दोनों राशियां कौन-सी हैं, इनके लिए क्या-क्या चुनौतियां सामने आएंगी, इन्हें क्या गलती नहीं करना चाहिए और इससे बचने के क्या उपाय हैं?
साढेसाती का वास्तविक अर्थ
साढेसाती को केवल कष्ट का समय मानना सही नहीं है. यह आत्मचिंतन, अनुशासन और जिम्मेदारी सिखाने का समय होता है. जो लोग ईमानदारी, संयम और नियम के साथ जीवन जीते हैं, उन्हें शनि मजबूत बनाते हैं. लेकिन जो लोग लापरवाही और गलत रास्ता अपनाते हैं, उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
मीन राशि पर दूसरा चरण सबसे कठिन
इस समय मीन राशि पर साढेसाती का दूसरा चरण चल रहा है, जिसे सबसे चुनौतीपूर्ण माना जाता है. इस दौरान आर्थिक दबाव बढ़ सकता है. खर्च बढ़ जाते हैं और आय स्थिर नहीं रहती. मानसिक तनाव महसूस होता है. काम बनते बनते रुक जाते हैं. स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं. ऐसे समय में धैर्य रखना और दिनचर्या को संतुलित रखना बहुत जरूरी है.
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मेष राशि वालों के लिए बढ़ेंगी चुनौतियां
मेष राशि पर इस समय साढेसाती का पहला चरण चल रहा है. आने वाले समय में जब शनि मेष राशि में प्रवेश करेंगे, तब दूसरा चरण शुरू होगा. मंगल और शनि के स्वभाव अलग हैं. इसी कारण मेष राशि वालों को करियर, धन और व्यापार से जुड़े फैसले बहुत सोच समझकर लेने चाहिए. जल्दबाजी नुकसान पहुंचा सकती है.
कुंभ राशि को मिलेगी राहत
कुंभ राशि के स्वामी स्वयं शनि हैं. इसलिए इस राशि पर साढेसाती का प्रभाव तुलनात्मक रूप से कम रहता है. वर्तमान में कुंभ राशि पर तीसरा चरण चल रहा है. यह चरण कई बार लाभ भी देता है. पुराने प्रयासों का फल मिलने लगता है और परिस्थितियां धीरे धीरे बेहतर होती हैं.
इन गलतियों से जरूर बचें
साढेसाती के समय झूठ बोलना, किसी का अधिकार छीनना, कमजोर लोगों को परेशान करना और अनैतिक कार्य करना भारी पड़ सकता है. शनि ऐसे कर्मों का परिणाम तुरंत देते हैं. वाहन चलाते समय सावधानी रखें. धन का लेन देन सोच समझकर करें.
साढेसाती में राहत पाने के सरल उपाय
नियमित मेहनत करें. बुजुर्गों और जरूरतमंद लोगों की सेवा करें. शनिवार के दिन सादगी अपनाएं. समय पर अपने कार्य पूरे करें. धैर्य बनाए रखें. ये छोटे उपाय शनि के प्रभाव को काफी हद तक संतुलित कर सकते हैं. ज्योतिषाचार्य हर्षवर्द्धन शांडिल्य कहते हैं कि साढेसाती डरने का समय नहीं है. यह स्वयं को सुधारने और मजबूत बनाने का अवसर है. सही कर्म और सही सोच अपनाने पर यही समय भविष्य की मजबूत नींव बन सकता है.
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