Sawan Putrada Ekadashi 2023: सावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। साल में दो बार पुत्रदा एकादशी पड़ती है। जिनमें से है पौष मास की पुत्रदा एकादशी। जो कि दिसंबर या जनवरी माह में पड़ती है। वहीं दूसरी सावन मास की पुत्रदा एकादाशी जुलाई-अगस्त में पड़ती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक सावन मास की पुत्रदा एकादशी पहले आती है। ऐसे में आइए जानते हैं सावन पुत्रदा एकादशी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और पारण समय के बारे में।
सावन पुत्रदा एकादशी 2023 तिथि | Sawan Putrada Ekadashi Date
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की पुत्रदा एकादशी 27 अगस्त (रविवार) को पड़ रही है। वहीं एकादशी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त की देर रात 12 बजकर 08 मिनट से होगी। जबकि एकादशी तिथि की समाप्ति 27 अगस्त की रात 09 बजकर 32 मिनट पर होगी।
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सावन पुत्रदा एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त | Sawan Putrada Ekadashi Shubh Muhurat
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार सावन मास की पुत्रदा एकादशी खास संयोग बन रहा है। दरअसल पुत्रदा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धियोग का खास संयोग बनने जा रहा है। एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह से ही रहेगा। पंचांग के अनुसार, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5 बजकर 56 मिनट से लेकर 7 बजकर 16 मिनट तक है। ऐसे में यह समय पूजा के लिए शुभ रहेगा। मान्यतानुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग में किए काम सफल हो जाते हैं। इसके अलावा सावन पुत्रदा एकादशी पर पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 33 मिनट से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
सावन पुत्रदा एकादशी पारण | Sawan Putrada Ekadashi Parana
पंचांग के अनुसार, सावन मास की पुत्रदा एकादशी का पारण 28 अगस्त को किया जाएगा। इस दिन पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 57 मिनट से 8 बजकर 31 मिनट तक है। ऐसे में इस अवधि में एकादशी व्रत का पारण किया जा सकता है। मान्यतानुसार, पारण करने के बाद ही व्रत पूरा माना जाता है। इसके अलावा इस दिन द्वादशी तिथि शाम 6 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी।
पुत्रदा एकादशी पूजा विधि | Sawan Putrada Ekadashi Puja Vidhi
सावन पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें। इसके साथ ही गंगाजल से शुद्ध होकर भगवान विष्णउ के समक्ष घी का दीपक जलाएं। पूजन में तुलसी और तिल का इस्तेमाल करना शुभ रहेगा। एकादशी के दिन सोमवार का भी संयोग बन रहा है। ऐसे में इस दिन मंदिर में जाकर भगवान विष्णु की पूजा करें। इसके साथ ही शिवलिंग पर भी जल अर्पित करें। ऐसा करने से शिवजी की कृपा भी प्राप्त हो सकती है। पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन निराहार रहकर भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए। वहीं एकादशी व्रत का पारण करने के बाद ही भोजन ग्रहण करें। पारण से पहले ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें अपनी क्षमता के अनुसार दक्षिणा प्रदान करें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।