डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
Som Pradosh Vrat 2023: सावन का पवित्र महीना अब समाप्ति की ओर है। वैसे तो सावन का संपूर्ण महिना शिवजी की उपासना के लिए खास होता है, लेकिन सावन में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का भी खास महत्व है। पंचांग के मुताबिक सावन का आखिरी प्रदोष व्रत 28 अगस्त को पड़ने जा रहा है। इस दिन प्रदोष और सोमवार का संयोग बनने से यह व्रत और भी खास हो गया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत पर शिवजी का अभिषेक किस प्रकार करना शुभ रहेगा।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस बार 28 अगस्त के दिन सावन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इसकी शुरुआत 28 अगस्त को शाम 6 बजकर 48 मिनट से होगी और समापन 29 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर होगा। ऐसे में 28 अगस्त को सोमवार के दिन शाम 6 बजकर 48 मिनट से रात 9 बजकर 02 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।
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प्रदोष व्रत पर ऐसे करें शिवजी का अभिषेक
सावन के आखिरी सोमवार और आखिरी प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्द उठकर नित्य कर्म से निवृत होने के बाद सफेद या हरे रंग के पहनें। इसके बाद शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करें और व्रत रखने का संकल्प लें।
सूर्यास्त के बाद शुभ मुहूर्त में शिवलिंग का दूध, दही, घी, गंगाजल और शहद से शिवलिंग का अभिषेक करें और उनको बेलपत्र, सफेद अक्षत, भांग, धतूरा, सफेद रंग का फूल, काला तिल और सफेद चंदन अर्पित करें।
शिवजी का अभिषेक करने के बाद पूरे शिव परिवार की पूजा करें औरर आखिर में शिव चालीसा का पाठ करने के बाद भगवान शिव की आरती करें। मान्यता है कि इस विधि से अभिषेक करने पर भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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