Ratna Kise Kahte Hain: रत्न अपनी बहुमूल्यता की वजह से खास होता है। रत्न बहुत ही प्रभावशाली और आकर्षक होते हैं। रत्न से खास तरह का आभूषण निर्माण किया जाता है। इसके साथ ही रत्न का प्रयोग ज्योतिष उपायों के लिए भी उपयोग किया जाता है। ऐसे तो रत्न शुरुआती में एक पत्थर के टुकड़े के समान होते हैं, लेकिन इसमें कारीगरी और पॉलिशिंग करने के बाद यह बेशकीमती पत्थर के रूप में बनाया जाता है। शास्त्र के अनुसार, रत्न में दैवीय ऊर्जा और कई तरह के शक्तियां सम्माहित होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ रत्न को धारण करने से व्यक्ति का जीवन धन्य हो जाता है। इसके साथ ही ग्रहों के शांति के लिए भी इसका प्रयोग धारण किया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में रत्न का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रत्न जीवन के लिए बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण होता है। जो जातक अपने जीवन में किसी ग्रह के बुरे प्रभाव से परेशान रहता है, तो ऐसे जातक को रत्न धारण करने का सलाह दिया जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रह शांति के लिए कई तरह के रत्न का उपयोग कर सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो जातक रत्न धारण करता है, वह ग्रहों के दुष्प्रभाव से बच जाता है। इसके साथ ही जीवन में आ रही किसी भी प्रकार के समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। लेकिन क्या आपको पता है 12 राशियों के लिए रत्न अलग-अलग होते हैं। जो जातक राशि अनुसार, धारण करता है, उस पर शुभ प्रभाव पड़ता है। तो आइए ग्रह संबंधित रत्नों के बारे में जानते हैं।
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रत्न संबंधित ग्रह –
माणिक्य रत्न- सूर्य ग्रह
मोती रत्न- चंद्र देव
मूंगा रत्न- मंगल ग्रह
पन्न रत्न- बुध ग्रह
पुखराज, फिरोजा- बृहस्पति ग्रह
हीरा या फिरोजा रत्न- शुक्र ग्रह
नीलम रत्न- शनि ग्रह
गोमेद रत्न- राहु ग्रह
लहसुनिया रत्न- केतु रत्न
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।