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Ram Katha: सीता माता ने क्यों दिया था गाय समेत 3 चीजों को श्राप? दिलचस्प है यह कथा

Sita Ji Ke Shraap: एक बार माता सीता ने गाय समेत चार चीजों को श्राप दे दिया था। रामायण में आई यह कथा बेहद दिलचस्प है।

Edited By : Dipesh Thakur | Updated: Jan 10, 2024 11:18
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Ram Katha sita ji ke shraap

Ram Katha Sita Ji Ke Shraap: अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। यह कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को रखा गया है। ऐसे में लाखों भक्त राम मंदिर के दर्शन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कहते हैं कि प्रभु श्रीराम, सीता माता के बिना अधूरे हैं। सीता जी ने एक कुशल जीवनसाथी के तौर पर हमेशा उनका साथ दिया। यहां तक कि माता सीता ने 14 वर्षों तक वनवास के दौरान प्रभु श्री राम का साथ दिया। वैसे तो सीता माता जुड़े कई किस्से और प्रसंग शास्त्रो में वर्णित हैं। लेकिन, आज हम आपको ‘राम सिया राम’ सिरीज की अगली कड़ी में यह बता रहे हैं कि सीता जी ने गाय समेत गाय, फल्गू नदी, केतकी-फूल को श्राप क्यों दिया था?

माता सीता ने गाय समेत जिन 3 चीजों को श्राप दिया था, उसके बारे में एक कथा महाकाव्य रामायण में वर्णित है। वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, यह कथा श्रीराम के पिता दशरथ के पिंडदान से जुड़ी है।

Ram Katha sita ji ke shraap

दरअसल श्रीराम अपने पिता का श्राद्ध करने के लिए गया (बिहार का एक जिला) गए थे। पितृ कर्म से जुड़े सामान को लाने के लिए श्रीराम निकले। परंतु, दोपहर (पिंडदान के समय तक) नहीं लौटे। तब माता सीता ने विधिवत श्राद्ध कर्म पूरा किया। जिसके साक्षी वहां स्थित वट वृक्ष (बरगद का पेड़), फल्गू नदी, गाय और केतकी के फूल बने।

Ram Katha sita ji ke shraapप्रभु श्रीराम जब लौटे तो सीता जी ने उन्हें श्राद्ध कर्म की पूरी बात बताई। तब राम ने सीता जी से इसका साक्ष्य (प्रमाण) मांगा। जिसके बाद सीता माता ने फल्गू नदी, वट वृक्ष, गाय और केतकी के फूल को गवाही देने को बोला। कहते हैं कि बरगद के पेड़ को छोड़कर सभी ने झूठ बोला। कहा जाता है कि बाद में दशरथ जी ने दिव्य वाणी से माता सीता के पक्ष में बात कही।

कहते हैं कि इसके बाद माता सीता ने फल्गू नदी, केतकी के फूल और गाय को श्राप दे दिया। माता सीता के श्राप के प्रभाव से गाय जूठा खाने वाली कहलाने लगी। फल्गु नदी जल विहीन (बिना जल के) हो गई। जबकि केतकी का फूल भगवान की पूजा में वर्जित हो गया। वहीं सच बोलने के कारण वट वृक्ष की पूजा आज भी की जाती है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Jan 10, 2024 10:59 AM

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