Pradosh Vrat: सावन माह के कृष्ण पक्ष की प्रदोष इस बार 15 जुलाई 2023 (शनिवार) को आ रही है। इसे शनि प्रदोष भी कहा जाता है। प्रख्यात ज्योतिषी आचार्य अनुपम जौली के अनुसार प्रदोष तिथि भगवान शिव को समर्पित की गई है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। अलग-अलग पदार्थों से उनका अभिषेक कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है। आगमों व पुराणों में कहा गया है कि महादेव महाकाल के रूप में मृत्यु को भी टाल देते हैं। यही कारण है कि वह एक सर्वप्रिय लोकदेवता बन चुके हैं।
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भगवान शिव की पूजा किस तरह की जाए और उन्हें किस प्रकार प्रसन्न किया जाए, इसके लिए शिव महापुराण में कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों में से यदि एक भी उपाय कर लिया जाए तो भक्तों की बिगड़ी बात भी बन जाती है। आगमों में दिए गए उपाय करने में जितने सरल और आसान होते हैं, उतने ही अधिक प्रभावी भी होते हैं। जानिए ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में
प्रदोष पर करें ये उपाय (Pradosh Vrat Puja Vidhi and Upay)
इस उपाय को प्रदोष के दिन से आरंभ करना चाहिए। भक्तों को प्रतिदिन जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इससे राहु, केतु और अन्य सभी ग्रहों का अशुभ प्रभाव नष्ट होता है। साथ ही साक्षात शिव का आशीर्वाद मिलता है जिससे भक्तों को समस्त प्रकार के आनंद प्राप्त होते हैं।
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शिव महापुराण का यह उपाय अचूक माना जाता है। इस टोटके (Shivji Ke Upay) में शिव मंदिर में जाकर प्रतिदिन रात्रि 11 बजे से 12 बजे के बीच दीपक जलाना चाहिए। दीपक सदैव गाय के घी का ही होना चाहिए। इससे भक्तों के समस्त मनोरथ पूर्ण होते हैं।
कई बार कुछ लोग बहुत अधिक बीमार हो जाते हैं और दवाईयां असर नहीं करती। इस स्थिति में उन्हें प्रदोष (Pradosh Vrat) पर जल में देसी घी मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इससे दवाईयां असर दिखाने लगेंगी और बीमारी दूर होगी।
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यदि जीवन में ऐसा संकट आ जाए कि प्राणों पर बन आए, अथवा मृत्यु निकट हो तो इस उपाय को करना चाहिए। प्रतिदिन रात्रि नौ बजे बाद कच्चे दूध में जल मिलाकर ‘ॐ हौं जूं स:’ का जप करते हुए शिव का अभिषेक करें। इस तरह प्रतिदिन 1100 बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करते हुए अभिषेक करना है। इससे भक्तों के प्राणों की रक्षा होती है और दीर्घायु होने का वर मिलता है।
परिवार में होने वाली कलह और अशांति को खत्म करने के लिए प्रदोष के दिन सायंकाल शिव मंदिर में दो दीपक जलाने चाहिए। इनमें से एक दीपक देसी घी का एवं दूसरा तेल का होना चाहिए। साथ ही प्रदोष का भी व्रत करना चाहिए। इस उपाय से कल में शांति होती है और परिजनों में आपसी स्नेह बढ़ता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।